सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी टेक महिंद्रा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी.पी.गुरनानी ने कहा है कि भारतीय आईटी क्षेत्र के समक्ष ब्रेक्जिट जैसी वैश्विक चुनौतियां सामने आईं लेकिन डिजिटल प्रौद्योगिकी आधारित वैश्वीकरण तथा 5जी मोबाइल दूरसंचार प्रौद्योगिकी के दम पर इस साल क्षेत्र में वृद्धि होगी. उन्होंने मुद्रा संबंधी जोखिम को भी नकार दिया. उन्होंने कहा कि डिजिटल क्षेत्र में निवेश करने से भारतीय आईटी उद्योग को फायदा होगा. उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका में सरकार का कामकाज ठप होने तथा ब्रेक्जिट को लेकर अनिश्चितता तथा स्पष्टता की कमी आईटी उद्योग के समक्ष जोखिम हैं. हालांकि आईटी उद्योग भविष्य की वृद्धि के लिये तैयार है क्योंकि वैश्वीकरण 4.0 के लिये प्रौद्योगिकी मुख्य भूमिका निभाने वाला है.’’ 

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भारतीय आईटी खर्च में अमेरिकी की 60% हिस्सेदारी

गुरनानी ने कहा, ‘‘हम जो कुछ भी करते हैं उसके केंद्र में प्रौद्योगिकी है, चाहे वह कौशल की समस्या का समाधान करना हो टिकाउपन से जुड़ा मुद्दा हो.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय आईटी खर्च में अमेरिकी की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है. टेक महिंद्रा का 45-46 प्रतिशत कारोबार अमेरिका में है. हमें अन्य मुद्राओं से भी जूझना है. सभी मुद्रा का अमेरिकी डॉलर के साथ अपना समीकरण है और अंत में इन सबों का संतुलन बनाना होता है. मौजूदा भू-राजनीतिक मुद्दों का असर अभी दो या तीन तिमाही दूर है. मैं किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले प्रतीक्षा करूंगा और देखूंगा.’’ 

फाइल फोटो - जी न्यूज़

वृद्धि की गति बनाये रखना महत्वपूर्ण

गुरनानी ने कहा कि भारतीय आईटी उद्योग वैश्वीकरण 4.0 पर बड़ा दांव लगा रहा है क्योंकि इसमें वैश्विक व्यापार मुख्यत: प्रौद्योगिकी पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक आर्थिक वृद्धि के सुस्त पड़ने के बाद भी भारत ने तेज आर्थिक वृद्धि की है और विश्व की पांचवीं सबसे ब़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है. शेष एशिया के साथ भारत को वैश्वीकरण 4.0 में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. हमारे लिये वृद्धि की गति बनाये रखना महत्वपूर्ण है.’’ 

(इनपुट एजेंसी से)