हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन का असर! Iran ने बिना वजह बताए India से रोका चावल, चाय का इम्पोर्ट, जानिए पूरा मामला
Iran and India trade: ईरान में भारत से चावल और चाय खरीद के नए सौदों पर रोक लगा दी है. इस पर कोई वजह सामने नहीं आई है. भारत के कुल बासमती एक्सपोर्ट में 27 फीसदी हिस्सा ईरान के बाजार का है.
Iran and India trade: ईरान में जारी हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन का असर अब भारत पर भी नजर आने लगा है. क्योंकि बिना वजह बताए ही ईरान ने भारत से आने वाले वाले चाय, बासमती चावल के इंपोर्ट पर रोक लगा दी है. हालांकि, इस पर अबतक किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं जारी हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि देश में जारी भारी प्रदर्शन के चलते स्थानीय स्टोर्स, होटल्स और मार्केट पर पड़ा है. नतीजतन, इसका असर भारतीय चाय और बासमती के ट्रेड पर पड़ रहा है. बता दें कि ईरान भारतीय चाय का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है. वहीं बासमती चावल का ईरान सबसे बड़ा बाजार है.
बासमती चावल का ईरान दूसरा सबसे बड़ा खरीदार
खबरों के मुताबिक ईरान में भारत से चावल और चाय खरीद के नए सौदों पर रोक लगा दी है. इस पर कोई वजह सामने नहीं आई है. भारत के कुल बासमती एक्सपोर्ट में 27 फीसदी हिस्सा ईरान के बाजार का है. 2022 में अप्रैल से सितंबर तक के आंकड़ों को देखें तो भारत ने इस अवधि में ईरान को 4750 करोड़ रुपए का बासमती एक्सपोर्ट किया. सालाना आधार पर एक्सपोर्ट आंकड़ों पर नजर डालें तो यह पिछले साल से 96 फीसदी ज्यादा है.
चाय एक्सपोर्ट पर भी लगी रोक
बासमती चावल के अलावा भारतीय चाय भी भारी मात्रा में एक्सपोर्ट होता है. भारत से चाय एक्सपोर्ट होने वाले कुल हिस्से में ईरान की हिस्सेदारी करीब 11-14 फीसदी है. ईरान ने पिछले साल के मुकाबले अप्रैल से सितंबर के दौरान 7 फीसदी ज्यादा इंपोर्ट किया. यह करीब 515 करोड़ रुपए का था.
ईरान में जारी है भारी प्रदर्शन
ईरान में काफी दिनों से हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शन की शुरुआत ईरानी महिला महिसा आमिनी की मौत के बाद मॉरलिटी पुलिस और महिलाओं के लिए कड़े कानून के खिलाफ भारी प्रदर्शन हो रहे हैं. बता दें कि मॉरलिटी पुलिस को गाइडेंस पेट्रोल के नाम से जाना जाता है. इसकी शुरुआत 2006 में हुई. इसी पुलिस ने महिसा आमिनी को बीते सितंबर में गिरफ्तार किया था, जिसके तीन दिन बाद ही आमिनी के मौत हो गई.
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