Go Airlines के लोन बट्टे खाते में डालने का विरोध करेगा AIBEA, RBI से कही ये बात
एआईबीईए महासचिव सी.एच वेंकटचलम ने कहा, अगर एयरलाइन ने लोन बट्टे खाते में डालने के लिए स्वैच्छिक दिवाला याचिका दायर की है, तो यह अनैतिक है.
ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉइज एसोसिएशन (AIBEA) ने कहा है कि अगर गो एयरलाइंस (इंडिया) लिमिटेड उसके लोन के एक हिस्से को बट्टे खाते में डाले जाने के मकसद से स्वैच्छिक दिवाला याचिका दायर करती है, तो वह इसका विरोध करेगा. एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. एआईबीईए महासचिव सी.एच वेंकटचलम ने कहा, अगर एयरलाइन ने लोन बट्टे खाते में डालने के लिए स्वैच्छिक दिवाला याचिका दायर की है, तो यह अनैतिक है.
वेंकटचलम ने कहा, देखादेखी अन्य कंपनियां भी लोन बट्टे खाते में डालने के लिए स्वैच्छिक दिवाला याचिका दायर करेंगी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारत सरकार को इसकी मंजूरी नहीं देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गो एयरलाइंस का लोन खाता 30.4.2023 तक बैंकों के लिए नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) नहीं है.
ये भी पढ़ें- Manappuram Finance के शेयर में किया है निवेश? ED के छापे पर कंपनी के MD ने दिया बड़ा बयान
वेंकटचलम ने कहा, बैंकों को दिवाला याचिका दायर करने वाली कंपनी के खाते को एनपीए घोषित करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और यह पहली तिमाही के नतीजों में दिखाई देगा.
गो एयर ने NCLT में दिवाला याचिका दायर की
2 मई को गो एयर (Go Air) ने स्वेच्छा से नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में एक दिवाला याचिका दायर की है, जिसमें उसने इंजन आपूर्तिकर्ता प्रैट एंड व्हिटनी को अपनी मुसीबतों के लिए दोषी ठहराया है. यह सवाल तुरंत सामने आया कि क्या यह लोन बट्टे खाते में डालने की रणनीति है?
ये भी पढ़ें- Success Story: 60 दिन की ट्रेनिंग में मिला कमाल का बिजनेस आइडिया, एक साल में कमा लिया ₹10 लाख
दिवालियापन के लिए इंजन आपूर्तिकर्ता को दोष देते हुए आवेदन करने के एयरलाइन के फैसले ने इसके लेंडर्स, लेनदारों, कर्मचारियों, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी और अन्य को पूरी तरह से चौंका दिया है.
दो दिन बाद क्रेडिट रेटिंग एजेंसी, ब्रिकवर्क रेटिंग्स ने कहा कि उसने सर्वोत्तम उपलब्ध जानकारी के आधार पर बीडब्ल्यूआर डी पर कुल 2,918.33 करोड़ रुपये की गो एयरलाइंस (Go Airlines) की बैंक लोन सुविधाओं के लिए रेटिंग घटा दी है, क्योंकि जारीकर्ता ने सहयोग नहीं किया.
ये भी पढ़ें- Business Idea: खुशखबरी! गांव में फल-सब्जियों की पैंकिंग का शुरू करें बिजनेस, यहां मिल रहे ₹2 लाख
ब्रिकवर्क रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, कर्जदाताओं ने कर्ज चुकाने की बाध्यताओं पर किसी तरह की रोक का विरोध किया है. एक प्रमुख वित्तीय दैनिक में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर लेंडर्स अपने लोन में कटौती को स्वीकार करते हैं, तो गो एयरलाइंस के प्रमोटर अपनी दिवाला याचिका वापस ले सकते हैं. हालांकि, ऐसा लगता है कि बैंकर अपनी प्राप्तियों में कटौती करने के बजाय अधिक उधार देने और चुकौती अवधि बढ़ाने के इच्छुक हैं.
Go Air पर बैंकों का 11,463 करोड़ रुपये बकाया
रिपोर्ट के अनुसार, गो एयरलाइंस (Go Airlines) का लोन खाता अभी भी एक मानक खाता है, प्रमोटर एयरलाइन के लिए बोली जमा कर सकते हैं, जबकि जिन कंपनियों के लोन खाते को एनपीए (NPA) घोषित किया गया है, उनके प्रमोटर बोली जमा नहीं कर सकते हैं और नियंत्रण बनाए रखने की कोशिश कर सकते हैं. रिपोर्टों के अनुसार, एयरलाइन की कुल देनदारी यानी बैंकों, अन्य लेनदारों, विक्रेताओं आदि का बकाया लगभग 11,463 करोड़ रुपये है.
भारत सरकार के स्वामित्व वाले सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने कहा कि 31 मार्च, 2023 तक गो एयर (Go Air) के लिए उसका बकाया जोखिम 1,305 करोड़ रुपये है और भारत सरकार द्वारा गारंटीड आपातकालीन लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत स्वीकृत 682 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि है.
ये भी पढ़ें- आपने भी खरीदा है Amara Raja Batteries का शेयर? कंपनी ने दी ये बड़ी जानकारी
प्राइवेट लेंडर्स एक्सिस बैंक (Axis Bank) ने एक रेगुलेटर फाइलिंग में कहा है कि वित्तीय रूप से परेशान गो एयरलाइंस (Go Airlines) के लिए उसका कोई वित्त पोषित या गैर-वित्त पोषित जोखिम नहीं है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें