फरवरी में Industrial Production में जबरदस्त उछाल, खनन में तेजी का मिला फायदा
Industrial Production Growth: माइनिंग परफॉर्मेंस में सुधार के कारण फरवरी महीने में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन सालाना आधार पर 5.7 फीसदी रहा. जनवरी महीने में यह 4.1 फीसदी रहा था.
Industrial Production Growth: देश का औद्योगिक उत्पादन फरवरी 2024 में सालाना आधार पर 5.7 फीसदी बढ़ा, जो चार महीनों में सबसे अधिक है. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान खनन क्षेत्र ने अच्छा प्रदर्शन किया. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) पर आधारित औद्योगिक उत्पादन फरवरी 2023 में छह फीसदी बढ़ा था. IIP का पिछला उच्च स्तर अक्टूबर 2023 में 11.9 फीसदी था. इसके बाद यह धीमा होकर नवंबर में 2.5 फीसदी, दिसंबर में 4.2 फीसदी और जनवरी में 4.1 फीसदी रहा.
FY24 में अप्रैल-फरवरी के लिए यह 5.9 फीसदी रहा
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि फरवरी 2024 में देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 5.7 फीसदी बढ़ा था. बीचे वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल-फरवरी के दौरान IIP 5.9 फीसदी बढ़ा, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 5.6 फीसदी था. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2024 में खनन उत्पादन आठ फीसदी बढ़ा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 4.8 फीसदी बढ़ा था. विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन पांच फीसदी बढ़ा, जो एक साल पहले इसी महीने में 5.9 फीसदी बढ़ा था.
बिजली उत्पादन 7.5 फीसदी बढ़ा
इस साल फरवरी में बिजली उत्पादन 7.5 फीसदी बढ़ा, जो एक साल पहले इसी महीने में 8.2 फीसदी बढ़ा था. पूंजीगत सामान की वृद्धि दर फरवरी 2024 में गिरकर 1.2 फीसदी हो गई, जबकि एक साल पहले की इसी अवधि में यह 11 फीसदी थी. समीक्षाधीन अवधि में उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन 12.3 फीसदी बढ़ा. फरवरी 2023 में इसमें 4.1 फीसदी की गिरावट आई थी. गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में आलोच्य महीने में 3.8 फीसदी की गिरावट आई. जबकि एक साल पहले फरवरी 2023 में इसमें 12.5 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
प्राइमरी गुड्स का ग्रोथ 5.9 फीसदी रहा
आंकड़ों के अनुसार, बुनियादी ढांचा/निर्माण वस्तुओं ने फरवरी 2024 में 8.5 की वृद्धि दर्ज की, जबकि एक साल पहले इसी माह में इसमें नौ फीसदी की वृद्धि हुई थी. प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में इस साल फरवरी में 5.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जो एक साल पहले सात फीसदी रही थी. समीक्षाधीन महीने में मध्यवर्ती वस्तु खंड में 9.5 फीसदी की वृद्धि हुई जो एक साल पहले इसी अवधि में दर्ज एक फीसदी से अधिक थी.