ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों की ओर से भारत की खराब रेटिंग पर आर्थिक सलाहकार परिषद के संजीव सान्याल ने उठाए सवाल
आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने की टिप्पणी कहा कि ग्लोबल एजेंसियों की ओर से आकलन करते समय भारत को मौजूदा रेटिंग में कम से कम एक या दो श्रेणी ऊपर की रेटिंग देनी चाहिए थी
आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने की टिप्पणी कहा कि ग्लोबल एजेंसियों की ओर से आकलन करते समय भारत को मौजूदा रेटिंग में कम से कम एक या दो श्रेणी ऊपर की रेटिंग देनी चाहिए थी
India Global Agency Ranking: पिछले कुछ वक्त में भारत को ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों की ओर से मिली रेटिंग पर प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि ग्लोबल एजेंसियों की ओर से आकलन करते समय भारत को मौजूदा रेटिंग में कम से कम एक या दो श्रेणी ऊपर की रेटिंग देनी चाहिए थी, लेकिन एजेंसियों की ओर से भारत को दी गई रेटिंग पूरी तरह से बेतुकी है.
भारत निवेश कैटेगरी रैंकिग में सबसे नीचे
भारत की रेटिंग पर सान्याल ने कहा कि "Sovereign Rating की बात करें तो यदि भारत को उचित रेटिंग दी जाए तो इसे दो नहीं तो कम से कम एक श्रेणी ऊपर होना चाहिए था, भारत को निवेश कैटेगरी में सबसे नीचे रखने का कोई कारण नहीं है." उन्होंने कहा कि रेटिंग एजेंसियों के ढांचे पर सवाल उठाया जाना चाहिए और भारत को यह एहसास होना चाहिए कि उन्हें आसानी से बदला जा सकता है.
"पश्चिम के नियमों का पालन क्यू करें?"
सान्याल ने सवाल उठाया कि "रेटिंग को लेकर हमें पश्चिम के नियमों का पालन क्यों करना चाहिए? उन्होंने कहा कि इन नियमों को बनाने में भारत की कोई भूमिका नहीं रही है, ऐसे में उनका पालन क्यों करना? कई ऐसे इंडेक्स हैं जहां हम 100 स्थान से भी नीचे आते हैं.