मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर, PMI 31 महीनों के ऊंचे स्तर पर पहुंचा, रोजगार के मौके बढ़े
India's Manufacturing PMI hits 31 months high as S&P india Index employment opportunities rise
Manufacturing PMI: मई में विनिर्माण गतिविधियां 31 माह के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं. देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां मई, 2023 में और बढ़कर 31 माह के उच्चस्तर पर पहुंच गई हैं. एक मासिक सर्वे में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई. सर्वे में कहा गया है कि नए ऑर्डर बढ़ने, अनुकूल बाजार परिस्थितियों की वजह से समीक्षाधीन महीने में रोजगार के भी अधिक अवसर पैदा हुए हैं. मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया का विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) अप्रैल के 57.2 से बढ़कर मई में 58.7 हो गया. यह क्षेत्र की सेहत में अक्टूबर, 2020 के बाद सबसे मजबूत सुधार है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूत मांग
मई के पीएमआई आंकड़े ने लगातार 23वें महीने समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार की ओर इशारा करते हैं. पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब विस्तार होता है, जबकि 50 से नीचे का स्तर संकुचन को दर्शाता है. एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की एसोसिएट निदेशक पोलियाना डी लीमा ने कहा, ‘‘पीएमआई के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में बने उत्पादों की घरेलू बाजार के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी मजबूत मांग है.’’ उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर ऑर्डर बढ़ने से अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत हुई है, जबकि विदेशी कारोबार बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी को फायदा मिला और वैश्विक बाजार में भारत का दबदबा बढ़ा है.
अंतरराष्ट्रीय बिक्री में तेजी
सर्वे के अनुसार, कंपनियों की अंतरराष्ट्रीय बिक्री में छह माह में सबसे तेज वृद्धि हुई है. रिपोर्ट कहती है कि बिक्री में बढ़ोतरी से उत्पादन, रोजगार और मात्रा के स्तर पर खरीद बेहतर रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मूल्य के मोर्चे पर दबाव ऐतिहासिक रूप से काफी कम रहा है. लीमा ने कहा कि मांग आधारित मुद्रास्फीति नकारात्मक नहीं है, लेकिन इससे खरीद क्षमता प्रभावित हो सकती है, जिससे अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियां पैदा हो सकती हैं और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना बढ़ सकती है.
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