क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि चुनाव पूर्व खर्च से देश का राजकोषीय घाटा मामूली बढ़ा है लेकिन देश की स्वायत्त रेटिंग का मूल्यांकन चुनाव के बाद पेश होने वाले बजट के आधार पर किया जाएगा. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को लोकसभा में वित्तवर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश किया था. बजट में छोटे किसानों को वित्तीय मदद, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को पेंशन तथा पांच लाख रुपये तक की आय पर आयकर से छूट जैसी बड़ी घोषणाएं की गई है.

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अनुमान के मुताबिक ही रहा अंतरिम बजट

राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत के लक्ष्य से बढ़कर 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है. फिच रेटिंग्स के प्रमुख (एशिया प्रशांत) स्टीफन श्वार्ट्ज ने कहा कि घोषित अंतरिम बजट करीब-करीब वैसा ही है जैसा सोचा जा रहा था. उन्होंने कहा, ‘‘स्वायत्त रेटिंग प्रोफाइल के लिये दीर्घकालिक राजकोषीय संकेत महत्वपूर्ण होते हैं. 

हम इसका मूल्यांकन चुनाव के बाद पेश होने वाले बजट के आधार पर करेंगे जिसमें मध्यम अवधि के परिदृश्य के बारे में अतिरिक्त संकेत मिलने चाहिये.’’ फिच ने नवंबर में देश की स्वायत्त रेटिंग स्थिर परिदृश्य के साथ बीबीबी (नकारात्मक) बनाये रखा था. यह निवेश योग्य सबसे निचली रेटिंग है.

मूडीज को नहीं भाया बजट

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने वित्त वर्ष 2019-20 के शुक्रवार को पेश हुए अंतरिम बजट को साख की दृष्टि से नकारात्मक बताया है. मूडीज का कहना है कि लगातार चार वर्षों तक राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को नहीं पाना साख की दृष्टि से नकारात्मक है. वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने संदेह जताया है कि इससे वित्त वर्ष 2019-20 में भी सरकार के लिए राजकोषीय घाटे के 3.4 प्रतिशत के लक्ष्य को पाना मुश्किल होगा.