Indian Economy GDP Growth: सर्विसेज, मैन्‍युफैक्‍चरिंग और फॉर्म सेक्‍टर की स्थिर परफॉर्मेंस के चलते वित्‍त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की विकास दर (GDP Growth Rate) 7.1 फीसदी रह सकती है. केयरएज रेटिंग्‍स (CareEdge Ratings) ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. रिपोर्ट का कहना है कि अर्थव्‍यवस्‍था की विकास दर को बूस्‍ट देने सरकारी खर्च (government spending) का अहम रोल होगा. वहीं, इंडस्ट्रियल कैपेसिटी यूटिलाइजेशन बेहतर होने से प्राइवेट इन्‍वेस्‍टमेंट साइकिल को रफ्तार देने में मदद मिलेगी. 

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रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक गतिविधियों में सुधार के चलते वित्‍तवर्ष 2023 की शुरुआत बेहतर हुई है. GST कलेक्‍शन, ई-वे बिल रजिस्‍ट्रेशन और क्रेडिट ग्रोथ जैसे कई हाई फ्रिक्‍वेंसी इकोनॉमिक इंडिकेटर्स का पहले चार महीने में प्रदर्शन दमदार रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कैपिटल एक्‍सपेंडिचर पर 7.5 लाख करोड़ रुपये का ऑल टाइम हाई बजट आवंटन से इकोनॉमिक रिवाइवल को तेजी मिलने की उम्‍मीद है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि कंपनियों की क्षमता का इस्‍तेमाल बढ़ने से प्राइवेट प्‍लेसमेंट साइकिल में तेजी आ सकती है. वहीं, हाई वर्किंग कैपिटल जरूरतों के चलते इंडस्‍ट्री के लिए क्रेडिट ग्रोथ में तेजी आ सकती है लेकिन यह यह बेहतर निवेश मांग को भी दर्शाता है.

नए निवेश में प्राइवेट सेक्‍टर की हिस्‍सेदारी

CMIE डाटा के मुताबिक, नए निवेश के लिए प्राइवेट सेक्‍टर के प्रस्‍तावों की हिस्‍सेदारी वित्‍त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में बढ़कर करीब 91 फीसदी हो गई है. जोकि पिछली तिमाही में 78 फीसदी थी. इसके अलावा, निवेश केंद्रित स्‍कीम्‍स जैसेकि प्रोडक्‍शन लिंक्‍ड इन्‍सेंटिव्‍स (PLI), पीएम गति शक्ति के रूप सरकार के नीतिगत फैसलों से ग्रोथ को काफी सपोर्ट मिलेगा और इसका असर अलग-अलग सेक्‍टर्स पर देखनको मिलेगा. हालाांकि, मौजूदा आर्थिक अनिश्चितता के दौर में निजी निवेशकों के सेंटीमेंट को झटका दे सकता है. 

रेटिंग एजेंसी को उम्‍मीद है कि सामान्‍य मानसून के पूर्वानुमान को देखते हुए वित्‍त वर्ष 2023 में एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर की ग्रोथ स्थिर बनी रह सकती है. इसके साथ ही कोविड से जुड़े प्रतिबंधों में रियायत से सर्विस सेक्‍टर में तेजी से रिकवरी देखने को मिल सकती है.