Indian Economy: 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की राह पर है भारत, वित्त मंत्रालय को भरोसा, तेज रिवाइवल के आसार
Indian Economy: बीते वित्त वर्ष 2021-22 में कर राजस्व रिकॉर्ड 34 प्रतिशत बढ़कर 27.07 लाख करोड़ रुपये रहा. यह कोविड-19 की तीन लहरों के बाद अर्थव्यवस्था में तेज रिवाइवल को दर्शाता है.
Indian Economy: भारतीय अर्थव्वस्था को लेकर अच्छे संकेत हैं. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने गुरुवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के बजट में पूंजी व्यय पर जोर से विनिर्माण को गति मिलेगी. कर राजस्व संग्रह बढ़ेगा. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इससे भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर रहेगा. मंत्रालय के मुताबिक, बीते वित्त वर्ष 2021-22 में कर राजस्व रिकॉर्ड 34 प्रतिशत बढ़कर 27.07 लाख करोड़ रुपये रहा. यह कोविड-19 की तीन लहरों के बाद अर्थव्यवस्था में तेज रिवाइवल को दर्शाता है.
भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने पर जोर
खबर के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार का भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने पर जोर है और इस दिशा में कई कदम उठाए गये हैं. यह हाल के सालों में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) बढ़ोतरी में दिखता है. इन उपायों से सरकारी खजाने के लिए राजस्व संग्रह बढ़ा है. साथ ही भारत इससे 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था (5 trillion dollars economy) बनने के रास्ते पर है.
2021-22 में देश की जीडीपी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और वैश्विक आर्थिक ताकत बनाने की परिकल्पना की थी. देश का जीडीपी 2021-22 में लगभग 3,000 अरब डॉलर होने का अनुमान है. मंत्रालय ने कहा कि कोविड -19 के चलते जरूर कुछ समय के लिए अर्थव्यवस्था को झटका लगा. लेकिन सरकार ने हाल के वर्षों में बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर को 10 प्रतिशत से ऊपर कायम रखा है. जीएसटी (माल एवं सेवा कर) देश के जीडीपी को आगे बढ़ाने को लेकर एक बड़ा कदम रहा है.
घरेलू विनिर्माण में तेजी आएगी
बयान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में पूंजी व्यय पर जोर के साथ आने वाले वर्षों में घरेलू विनिर्माण में तेजी आएगी और रोजगार बढ़ेगा. इससे कर संग्रह और बढ़ेगा. कुल कंपनी कर संग्रह 2021-22 में 8.6 लाख करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 6.5 लाख करोड़ रुपये था. मंत्रालय (Finance Ministry) के मुताबिक, यह दिखाता है कि बिना छूट के साथ कम दर वाली नई आसान कर व्यवस्था सफल रही है. कंपनियों के लिए कारोबार सुगमता बढ़ी है और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है तथा सरकार के लिये कर राजस्व बढ़ रहा है.
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प्रत्यक्ष कर संग्रह रिकॉर्ड लेवल पर
पिछले वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह रिकॉर्ड 49 प्रतिशत बढ़कर 14.10 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि अप्रत्यक्ष कर संग्रह 20 प्रतिशत बढ़कर 12.90 लाख करोड़ रुपये रहा. यह अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में तेजी और कर चोरी पर लगाम लगाने को लेकर उठाए गए कदमों का नतीजा है. महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को निवेश के जरिये गति देने के मकसद से चालू वित्त वर्ष के लिये बजट में पूंजीगत व्यय 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है. पिछले साल 2021-22 में पूंजीगत व्यय 5.5 लाख करोड़ रुपये था.