Indian Economy: देश की विकास दर को लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन (CEA V Ananth Nageswaran) ने बुधवार को कहा कि दुनियाभर में चुनौतियों को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7 से 8.5 प्रतिशत के बीच रह सकती है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हाल में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था में ग्रोथ के अपने अनुमान को घटाकर 8.2 प्रतिशत कर दिया है. यह हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से ज्यादा है. आरबीआई ने घरेलू अर्थव्यवस्था में 7.2 प्रतिशत की ग्रोथ (India's GDP) का अनुमान जताया है.

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ग्रोथ के नतीजों का दायरा काफी बड़ा

खबर के मुताबिक, नागेश्वरन ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि अर्थव्यवस्था में ग्रोथ के नतीजों का दायरा काफी बड़ा है. यह अंतर कहीं ज्यादा व्यापक हो सकता है, जो फैसले को ज्यादा खतरनाक बनाता है. इसका सही अनुमान लगाने के लिए ढेर सारी किस्मत की जरूरत होती है. आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) 1 अप्रैल, 2022 से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष (Indian Economy forecast for 2022-23) में 8 से 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है.

फिच ने 8.5 प्रतिशत रखा है अनुमान

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा उन्होंने दोपहर में फिच रेटिंग से चर्चा की है जिसने चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट के अपने अनुमान को 8.5 प्रतिशत पर रखा है. इससे पहले एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कारोबारी साल 2022-23 में दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के लिए सात प्रतिशत के सामूहिक विकास का अनुमान लगाया. जिसमें क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत के चालू वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी और आठ प्रतिशत की दर (India's GDP) से बढ़ने की उम्मीद है.

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अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे हो रहा सुधार

कोरोना काल के बाद अब भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में धीरे-धीरे सुधार होता दिखाई पड़ रहा है. रोजगार की स्थिति पहले से मजबूत हो रही है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी डाटा के मुताबिक फरवरी के मुकाबले मार्च के महीने में बेरोजगारी दर में कमी देखने को मिली है. जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से अच्छी खबर है.