भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये उठाने होंगे ये कदम, विशेषज्ञ समूह ने दिए सुझाव
Indian Economy: विशेषज्ञ समूह ने 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन में सुधार लाने और निर्यात एवं रोजगार क्षेत्र की वृद्धि दर को तेज करने पर जोर दिया.
भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये एक विशेषज्ञ समूह ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के काम-काज में सुधार लाने और निर्यात तथा रोजगार सृजन की गति तेज करने पर जोर दिया है. नीति आयोग ने इसकी जानकारी दी है. आयोग ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री के साथ शनिवार को हुई अर्थशास्त्रियों और उद्योग क्षेत्र के विशेषज्ञों की बैठक में वृहद आर्थिक परिवेश और रोजगार परिदृश्य पर अपने विचार रखने वाले विशेषज्ञ समूह ने 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन में सुधार लाने और निर्यात एवं रोजगार क्षेत्र की वृद्धि दर को तेज करने पर जोर दिया.
नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश होने से पहले हुई इस बैठक में भाग लेने वाले तमाम विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने एक स्वर से आर्थिक वृद्धि बढ़ाने को लेकर अपने सुझाव दिये. बैठक का आयोजन नीति आयोग के तत्वाधान में किया गया था. इसमें 40 अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया.
विशेषज्ञों ने बैंक और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिये दरवाजे और खोलने, विनिवेश प्रक्रिया में तेजी लाने और जल संसाधन के बेहतर प्रबंधन पर भी खास तौर पर जोर दिया. इस दौरान पांच अलग-अलग आर्थिक क्षेत्रों- अर्थव्यवस्था और रोजगार, कृषि और जल संसाधन, निर्यात, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र पर सुझाव एवं विचार रखे गए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को नई सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी. इससे पहले 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया गया था. पिछले वित्त वर्ष की जनवरी से मार्च 2019 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर घटकर 5.8 प्रतिशत रह गई जो कि पांच साल में सबसे कम रही. पूरे साल की वृद्धि भी 6.8 प्रतिशत रह गई. इस स्थिति को देखते हुए आर्थिक वृद्धि की गति को बढ़ाकर सात प्रतिशत से ऊपर ले जाना सरकार के लिये पहली प्राथमिकता होगी.
प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन, वेदांता रिसोर्सेस के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, आईटीसी के चेयरमैन और एमडी संजीव पुरी, पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा और टाटा स्टील के वैश्विक सीईओ और एमडी टी वी नरेन्द्रन अन्य उद्योगपतियों के साथ मौजूद थे. इसके अलावा रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर विमल जालान, पूर्व मुख्यआर्थिक सलाहकार शंकर आचार्य, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन विवेक देबराय सहित अन्य अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ उपस्थित थे. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी बैठक में उपस्थित थे.