भारतीय पूंजी बाजार का प्रदर्शन पिछले वित्त वर्ष कई बड़े पूंजी बाजारों से अच्छा रहा. अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों एवं चीन एवं ब्राजील जैसे विकासशील देशों समेत दुनिया के प्रमुख बाजारों के मुकाबले भारतीय बाजार में निवेश पर प्रतिफल बेहतर रहा. मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के बीच बंबई शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स ने 17.3 प्रतिशत का प्रतिफल जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी के 14.9 प्रतिशत के मुकाबले बेहतर है. यह प्रदर्शन अमेरिका (7.6 प्रतिशत), ब्रिटेन (3.2 प्रतिशत), चीन (2.5 प्रतिशत की गिरावट), ब्राजील (11.8 प्रतिशत), जापान (1.2 प्रतिशत की गिरावट), दक्षिण कोरिया (12.5 प्रतिशत की गिरावट) तथा हांगकांग (3.5 प्रतिशत की गिरावट) के मुकाबले बेहतर है.

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इन देशों में शेयर बाजारों के रिटर्न का विश्लेषण करने से यह पता चलता है कि 2017-18 में भारतीय मानक सूचकांकों का प्रदर्शन अमेरिका, ब्राजील, जापान, दक्षिण कोरिया तथा हांगकांग से कमजोर रहा था. हालांकि ब्रिटेन और चीन के मुकाबले बेहतर था. मानक सूचकांकों के सकारात्मक प्रदर्शन तथा बाजार से बढ़ी हुई मात्रा में कोष जुटाने के साथ भारत में पूंजी बाजार का आकार 2018-19 में बढ़ा. यह 6 प्रतिशत बढ़कर 151 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया.

इसके अलावा, म्यूचुअल फंड की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति 11.4 प्रतिशत बढ़कर 24 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई. वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के माध्यम से लगायी संपत्ति 8.6 प्रतिशत बढ़कर 30 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई. उल्लेखनीय है कि वैश्विक तथा घरेलू समस्याओं के कारण 2018-19 अपेक्षाकृत कठिन और चुनौतीपूर्ण रहा. पिछले वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान पूंजी बाजार से पूंजी जुटाने के मामले में भी वृद्धि देखी गई. बॉन्ड और इक्विटी के जरिये जुटाई गई राशि 5.3 प्रतिशत बढ़कर करीब 9 लाख करेड़ रुपये पहुंच गई. 

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सितंबर 2018 से कुछ मामलों खासकर स्थिर आय वाली प्रतिभूतियों के मोर्चे पर नकारात्मक गतिविधियों के बावजूद दहाई अंक में रिटर्न आया. म्यूचुअल फंड के मामले में बॉन्ड से जुड़े कोष से धन निकासी की गई. इसका कारण सितंबर 2018 से बांड बाजार की गतिविधियां रही. हालांकि इक्विटी वाले म्यूचुअल फंड में पूंजी प्रवाह जारी रहा. इक्विटी एवं अन्य प्रकार के म्यूचुअल फंड में संयुक्त रूप से 2018-19 में 1.58 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया जो 2017-18 में 2.84 लाख करोड़ रुपये था.