2024 में भारत में 324 बिलिनेयर्स होंगे, रिच लिस्ट में महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही
360 वन वेल्थ ने क्रिसिल के साथ मिलकर एक रिपोर्ट जारी की है जिसके मुताबिक, 2024 में भारत में 324 बिलिनेयर्स होंगे. इसके अलावा रिच लोगों में महिलाओं की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है.
भारत तेजी से वैश्विक धन केंद्र के रूप में उभर रहा है. देश में 2024 में 334 अरबपति होंगे. इसके अलावा निवेश के तरीके में भी बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. धनी लोग REITs और PMS की तरफ तेजी से स्विच कर रहे हैं. CRISIL की रिपोर्ट के मुताबिक, 2031 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगी और यह 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी होगी. यह डीटेल रिपोर्ट 360 वन वेल्थ ने क्रिसिल के सहयोग से मिलकर तैयार की है.
HNI के निवेश के तरीके में बड़ा बदलाव आया है
360 वन वेल्थ ने क्रिसिल के सहयोग से द वेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट का नवीनतम संस्करण जारी किया. यह इंडेक्स भारत के अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ व्यक्तियों (UHNI) और हाई-नेट-वर्थ व्यक्तियों (HNI) के निवेश व्यवहार, वरीयताओं और धन प्रबंधन रुझानों पर एक विस्तृत शोध और विश्लेषण है. रिपोर्ट 388 UHNI और HNI के बीच किए गए व्यापक सर्वेक्षण से प्राप्त जानकारी पर आधारित है.
मुंबई में बिलिनेयर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है
मुंबई ने एशिया की अरबपतियों की राजधानी के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और अमेरिका और चीन से आगे निकलकर वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है. इस आर्थिक गति से फिनटेक, ई-कॉमर्स, अंतरिक्ष और रक्षा जैसे क्षेत्रों में धन सृजन को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. वेल्थ इंडेक्स भारत के धनी लोगों की निवेश रणनीतियों और प्राथमिकताओं की विस्तृत समझ प्रदान करता है, जो निवेशकों, धन प्रबंधकों और नीति निर्माताओं के लिए एक मूल्यवान मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है.
निवेश के पारंपरिक तरीक से कर रहे स्विच
रिपोर्ट पारंपरिक निवेश परिसंपत्ति वर्गों से परे बढ़ते बदलाव को दर्शाती है. UHNI और HNI पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (PMS), वैकल्पिक निवेश कोष (AIF), रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REIT) और निजी इक्विटी जैसे विकल्पों में रुचि बढ़ा रहे हैं. पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) कारक निवेश रणनीतियों के लिए महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं. 68% उत्तरदाताओं ने ईएसजी को महत्वपूर्ण माना है. निवेशक अपने पोर्टफोलियो में स्थिरता को तेजी से प्राथमिकता दे रहे हैं, जो जिम्मेदार निवेश की ओर एक सचेत बदलाव को दर्शाता है.
रिच वुमन की संख्या तेजी से बढ़ रही है
रिपोर्ट में धनी अभिजात वर्ग की श्रेणी में प्रवेश करने वाली महिलाओं की बढ़ती संख्या का भी पता चलता है. 40% से अधिक धनी महिलाएँ 51-60 वर्ष की आयु के बीच की हैं, जिनमें से कई कम जोखिम वाले, स्थिर निवेश उत्पादों को अपनाती है. यह जनसांख्यिकीय बदलाव धन प्रबंधन के लिए नए दृष्टिकोण ला रहा है. 82% उत्तरदाता परोपकार में लगे हुए हैं या अगले दो वर्षों में ऐसा करने की योजना बना रहे हैं. विशेष रूप से पुराने UHNI, जिन्होंने पहले ही अपने परिवारों का भविष्य सुरक्षित कर लिया है. उत्तराधिकार नियोजन गति पकड़ रहा है. 72% उत्तरदाताओं ने उत्तराधिकार नियोजन को आवश्यक माना है, जिससे धन संरक्षण के लिए इसके महत्व का पता चलता है. यूंHNI में से 86% ने अपनी संपत्ति नियोजन शुरू कर दिया है या पूरा कर लिया है.