अमेरिका द्वारा इस्पात आयात पर लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क को लेकर उसकी भारत के साथ बातचीत चल रही है. केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को यह बात कही. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्पात पर 25 प्रतिशत और एल्युमीनियम पर 10 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाया था. इस पर भारत, चीन, यूरोप समेत कई देशों ने आपत्ति जताई थी. साथ ही इसके जवाब में जवाबी शुल्क लगाने की भी धमकी दी.

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेरिकी शुल्क से घरेलू इस्पात निर्यात पर तुंरत कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि भारत अमेरिका को बहुत कम मात्रा में इस्पात का निर्यात करता है. उन्होंने एसोचैम इंडिया इस्पात शिखर सम्मलेन के विषय- प्रतिस्पर्धा में वृद्धि और चुनौतियों से निकलना, को संबोधित करते हुए कहा, "अमेरिका के साथ बातचीत चल रही है, कुछ सहमति बन सकती है. अन्यथा हमें अपने हितों की रक्षा के लिए जरूरी कदम लेने होंगे, हम निश्चित रूप से कदम उठाएंगे." सिंह ने इससे पहले कहा था कि अमेरिका की ओर से इस्पात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने से घरेलू क्षेत्र "परोक्ष" रूप से प्रभावित होगा.

इस्पात स्क्रैपेज पर नीति जल्द 

इस्पात के पुराने उत्पादों की स्क्रैपेज नीति पर कैबिनेट नोट जल्द तैयार कर लिया जाएगा. मंत्रालय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की वाहन स्क्रैपेज नीति का इंतजार किए बिना अपनी अलग नीति बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगा. सिर्फ पुराने वाहनों को स्क्रैप करने से ही 70 लाख टन इस्पात बनाया जा सकता है. इसमें 40 प्रतिशत उत्तर भारत में उपलब्ध होगा जिससे उत्तर भारत में भी इस्पात उद्योग विकसित हो सकेगा.

(इनपुट एजेंसी से)