साल 2021 में भारत यूनाइटेड किंगडम को हारने में नाकाम रहा था और $10 बिलियन से  दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से चूक गया था.  अब भारत को वो जगह वापिस हासिल करने के लिए एक साल का इंतजार और करना होगा. 2022-23 तक भारत $27 बिलियन डॉलर से UK से आगे निकल सकता है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) वर्ल्ड इकनोमिक आउटलुक डेटाबेस के अनुसार भारत के FY28 तक अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है. यह उम्मीद से 2 साल जल्दी है, जर्मनी और जापान को पछाड़कर भारत के आगे आने की बात आईएमएफ के वर्ल्ड आउटलुक डेटाबेस में बताई गई है. इसके अलावा ब्रिटेन को पछाड़कर 5वां सबसे बड़ा देश बनने का भी अनुमान है.

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भारत का तेजी से होगा विकास 

ज्यादातर विकसित अर्थव्यवस्थाएं covid महामारी और युद्ध से प्रभावित हुईं, जिसके कारण संभव है कि वो धीमी गति से बढ़ें या फिर मंदी में भी जा सकते हैं. ऐसा नहीं है कि भारत पर इसका असर नहीं हुआ लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था से फिर भी सही गति से विस्तार की उम्मीद है. डॉलर के मुकाबले रूपए में गिरावट तो देखी गई लेकिन ये फिर भी बाकी कई करेंसी की तुलना में कम है. 

 

भारत की इन्फ्लेशन हाई पर भी उम्मीदें 

भारत के पास बेहतर मैक्रो फंडामेंटल हैं, इसके अलावा भारत की इन्फ्लेशन हाई देखी गई है लेकिन फिर भी यह आसमान छूती नहीं है. चालू खाते में घाटा देखा गया है लेकिन  इसके कम होने की आशा है. विदेशी मुद्रा भंडार की बात करें तो ये अभी नीचे हैं लेकिन फिर भी वित्तीय हालत अभी आरामदायक है जो कि $550b के आस-पास हैं.