देश का सेवा निर्यात मार्च में 1.3 प्रतिशत घटकर 30 अरब डॉलर रहा. वहीं आयात 2.1 प्रतिशत कम होकर 16.61 अरब डॉलर रहा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के देश के अंतरराष्ट्रीय सेवा व्यापार के आंकड़ों के अनुसार, इस साल मार्च में 13.4 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस रहा. सेवा निर्यात और आयात दोनों पिछले दो महीनों में सकारात्क दायरे में रहे हैं. 

FY24 में सर्विस ट्रेड सरप्लस 162 अरब डॉलर रहा

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वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में सेवा निर्यात 339.62 अरब डॉलर और आयात 177.56 अरब डॉलर रहा. ट्रेड सरप्लस यानी निर्यात और आयात का अंतर आलोच्य वित्त वर्ष में 162 अरब डॉलर रहा. वैश्विक चुनौतियों के बावजूद कुल निर्यात (वस्तु और सेवा) 2023-24 में 776.68 अरब डॉलर का रहा जो 2022-23 में 776.40 अरब डॉलर था.     

2030 तक 800 अरब डॉलर के निर्यात की उम्मीद

गोल्डमैन सैक्श का अनुमान है कि भारत का सेवा निर्यात 2030 तक बढ़कर 800 अरब डॉलर हो जाएगा, जो 2023 में 340 अरब अमेरिकी डॉलर से उल्लेखनीय वृद्धि है. निर्यात में मजबूत से रुपए को समर्थन मिलेगा. रिपोर्ट में कहा गया कि 2030 तक सेवाओं का निर्यात GDP का लगभग 11% होगा, जबकि 2023 में यह 9.7% था. इस दौरान करेंट अकाउंट डेफिसिट घटकर जीडीपी का 1.1% पर आ जाएगा.

(भाषा इनपुट के साथ)