India Q4 GDP: 31 मई को आएंगे जीडीपी के आंकड़े, जानिए अर्थशास्त्रियों का क्या अनुमान है
India Q4 GDP Data: 31 मई को भारत सरकार की तरफ से FY24 की चौथी तिमाही के लिए जीडीपी का डेटा जारी किया जाएगा. जानिए आर्थिक जानकारों की क्या उम्मीदें हैं.
India Q4 GDP Data: बीते वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.1 से 6.7% के बीच रहने की उम्मीद है. यह इससे पिछली तिमाहियों में दर्ज आठ% की वृद्धि दर से कम है. विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने यह अनुमान लगाया है. सरकार चौथी तिमाही के जीडीपी आंकड़े और पूरे वित्त वर्ष के लिए अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान 31 मई को जारी करेगी. अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में वृद्धि दर 7.6-7.8% के बीच रहने का अनुमान है.
पिछली 3 तिमाही का ग्रोथ रेट क्या रहा है?
भारतीय अर्थव्यवस्था 2023-24 की जून तिमाही में 8.2%, सितंबर तिमाही में 8.1% और दिसंबर तिमाही में 8.4% की दर से बढ़ी है. कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने कहा कि मुख्य आंकड़े व्यापक रूप से मजबूत वृद्धि का संकेत देते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘विनिर्माण गतिविधियां भी अच्छी रही हैं, और निर्माण से जुड़े और निवेश क्षेत्रों का प्रदर्शन भी बेहतर रहना चाहिए. हालांकि, कृषि क्षेत्र की वृद्धि धीमी पड़ सकती है. हमारा अनुमान है कि चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.1% रहेगी और पूरे वित्त वर्ष के लिए यह आंकड़ा 7.6% के करीब रहेगा.’’
Q4 का GVA 5.7% रहने की उम्मीद
31 मई, 2023 को जारी अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की मार्च तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.1% रही थी. पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए यह आंकड़ा 7% था. भारद्वाज ने कहा, ‘‘हम सेवा क्षेत्र और औद्योगिक क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में कुछ नरमी देख रहे हैं. यही कारण है कि चौथी तिमाही में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) 5.7% और जीडीपी वृद्धि दर 6.1% रहने की उम्मीद है.’’
GVA कैसे निकाला जाता है?
जीडीपी एक निश्चित अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य होता है. वहीं जीडीपी में शुद्ध करों (कुल कर संग्रह में से सब्सिडी हटाकर) को हटाने पर जीवीए निकलता है. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक चालू वित्त वर्ष (2024-25) का सवाल है, कोटक महिंद्रा बैंक को उम्मीद है कि वृद्धि दर 6.6% रहेगी. हालांकि, इसके ऊपर की ओर जाने की गुंजाइश है.’’
ग्रामीण खपत में तेजी की उम्मीद
भारद्वाज ने कहा कि ग्रामीण खपत में तेजी आने की संभावना है. हालांकि, चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में निर्यात वृद्धि प्रभावित हो सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल, निर्यात काफी अच्छा बना हुआ है. हमने निर्यात पर मांग में किसी भी वैश्विक व्यवधान का बहुत अधिक प्रभाव देखने को नहीं मिला है. हालांकि, आगे चलकर इसका कुछ प्रभाव दिखने की उम्मीद है. यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां वृद्धि को झटका लगने की आशंका है.’’
FY24 के लिए यह आंकड़ा 7.8% रहने की उम्मीद
EY India के मुख्य नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संस्थान दोनों 2024-25 में भारत के लिए सात% की वृद्धि दर का अनुमान जता रहे हैं. श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर संभवत: 6.5% से अधिक रहेगी. ऐसे में पूरे वित्त वर्ष के लिए यह आंकड़ा 7.8% रहेगा. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) का अनुमान भी यही है.’’
इंडिया रेटिंग्स और ICRA का क्या है अनुमान?
एक अन्य रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (India Ratings and Research) का अनुमान है कि 2023-24 की चौथी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.2% रहेगी. घरेलू रेटिंग एजेंसी ICRA ने मंगलवार को कहा था कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर चार तिमाहियों के निचले स्तर 6.7% पर आ जाएगी.