India Q2 GDP Report: आज शाम दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ का डेटा जारी किया जाएगा. यह रिपोर्ट नेशनल स्टेटिक्स ऑफिस यानी NSO की तरफ से जारी किया जाता है. आज की रिपोर्ट से पता चलेगा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में देश में कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का प्रदर्शन कैसा रहा, साथ ही आर्थिक गतिविधियों में कितना सुधार आया है. रेटिंग एजेंसी ICRA का अनुमान है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहेगी. भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी रिपोर्ट में वृद्धि दर 5.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. बीते वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर 8.4 फीसदी रही थी. रिजर्व बैंक का अनुमान है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट  6.1-6.3 फीसदी के बीच रहेगा.

पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 13.5 फीसदी रहा था

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कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के सीनियर इकोनॉमिस्ट सुवोदिप रक्षित ने कहा कि हमारा अनुमान है कि दूसरी तिमाही में ग्रोथ रेट 6.2 फीसदी रहेगा. पहली तिमाही का ग्रोथ रेट 13.5 फीसदी रहा था, जिसके मुकाबले यह काफी कम है. हालांकि, इसका सबसे बड़ा कारण बेस ईयर में बदलाव है. 2021 में जुलाई-सितंबर तिमाही में आर्थिक गतिविधियां ट्रैक पर तेजी से लौट रही थीं, जिसके कारण बेस बड़ा है.

फेस्टिव सीजन में मांग अच्छी रही थी

रिपोर्ट में कहा गया है कि  फेस्टिव सीजन में डिमांड अच्छी रही है जिसका सकारात्मक असर दिखा. कॉर्पोरेट की कमाई उम्मीद के मुताबिक रही. वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6 फीसदी के करीब रहने की  पूरी-पूरी संभावना है.

ग्लोबल इकोनॉमी की समस्या का दिख रहा भारत पर असर

ग्लोबल इकोनॉमी इस समय कई तरह की चुनौतियों से जूझ रही है. मंदी और महंगाई की समस्या बरकरार है. इसके अलावा यूक्रेन क्राइसिस, चीन में कोरोना के नए मामले और प्रतिबंधों को लेकर जिनपिंग के खिलाफ जनता का सड़कों पर उतरना, फेडरल रिजर्व की तरफ से इंटरेस्ट रेट को लेकर अग्रेसिव रुख और सप्लाई चेन की समस्या से मंदी को मजबूती मिल री है. इसका असर इंडियन इकोनॉमी पर भी दिख रहा है.

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