भारत में बीते साल के आखिरी महीने में बिजली खपत को लेकर वृद्धि दर्ज हुई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में देश की बिजली खपत बढ़कर 130.40 बिलियन यूनिट (BU) हो गई, जो कि एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में करीब 6 फीसदी की वृद्धि है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ठीक एक साल पहले दिसंबर 2023 में भारत की बिजली की खपत 123.17 BU थी.एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति (बिजली की अधिकतम मांग पूरी) भी दिसंबर 2024 में बढ़कर 224.16 गीगावाट हो गई, जो एक वर्ष पहले इसी अवधि में 213.62 गीगावाट थी.

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इससे पहले महीने नवंबर 2024 में देश की बिजली खपत 5.14 फीसदी बढ़कर 125.44 अरब यूनिट्स (BU) रही. पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 119.30 BU था. इसके अलावा, सरकार ने हाल ही में कहा कि भारत ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 250 गीगावाट की सर्वकालिक अधिकतम बिजली मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया है, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा की कमी घटकर मात्र 0.1 फीसदी रह गई है.

बिजली मंत्रालय के अनुसार, "जनरेशन और ट्रांसमिशन क्षमता में शानदार वृद्धि के कारण, वित्त वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा की कमी घटकर 0.1 फीसदी रह गई है, जो वित्त वर्ष 2013-14 में 4.2 फीसदी से काफी बेहतर है." वर्ष के अंत में अपनी समीक्षा में मंत्रालय ने कहा कि देश में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 2023-24 में बढ़कर 1,395 किलोवाट घंटा हो गई है, जो 2013-14 में 957 किलोवाट घंटा से 45.8 फीसदी वृद्धि (438 किलोवाट घंटा) है.

मंत्रालय ने बताया कि देश भर के गांव और हर घर में बिजली पहुंचाई गई है, जो भारत के बिजली क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की औसत उपलब्धता 2014 में 12.5 घंटे से बढ़कर 21.9 घंटे हो गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में अब 23.4 घंटे तक बिजली आपूर्ति हो रही है, जो बिजली सेवाओं की विश्वसनीयता और पहुंच में पर्याप्त सुधार को दर्शाता है.