Indian Economy: भारत निराशाजनक वैश्विक परिदृश्य के बीच एक चमकता स्थान बना हुआ है. डेलॉयट दक्षिण एशिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रोमल शेट्टी ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि देश विपरीत परिस्थितियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष (2024-25) में 7% की बढ़ोतरी दर्ज कर सकता है. भारत में ‘बिग फोर’ अकाउंटिंग और परामर्श कंपनियों के सबसे युवा सीईओ शेट्टी ने कहा कि मुद्रास्फीति काफी हद तक नियंत्रण में है, ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी हुई है और वाहनों की बिक्री में सुधार हो रहा है.

जियो-पॉटिलिटकल टेंशन और मंदी का पड़ सकता है असर

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उन्होंने कहा, हमारा मानना ​​है कि हम ग्रोथ के मामले में (चालू वित्त वर्ष में) 7-7.1% के दायरे में रहेंगे. आपके सामने कई प्रतिकूल परिस्थितियां हैं, कई अनुकूल परिस्थितियां हैं लेकिन तथ्य यह है कि वैश्विक स्तर पर जो कुछ भी हो रहा है, उसके बावजूद भारत अब भी बेहतर स्थिति में है, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि हम दुनिया से अलग हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया और यूक्रेन में जियो-पॉलिटिकल क्राइसिस और पश्चिमी दुनिया में मंदी का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ पर असर पड़ेगा.

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डेलॉयट के अनुमानों के अनुसार, अगले वित्त वर्ष (2025-26) में वृद्धि दर 6.7% रहने की संभावना है. पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2% की दर से बढ़ी थी. 

इस दशक के भीतर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत

शेट्टी ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नरेन्द्र मोदी सरकार 3.0 प्राइवेटाइजेशन सहित आर्थिक सुधारों को उसी गति से जारी रखेगी और सरकारी विभागों के भीतर काम पूरा करने के लिए जबर्दस्त प्रयास किए जाएंगे. दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत इस दशक के भीतर 5 हजार अरब डॉलर तक विस्तारित होकर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

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कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमत में गिरावट कुछ मायनों में भारत के लिए अच्छी बात है, क्योंकि भारत कई चीजों का नेट आयातक है और अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) द्वारा ब्याज दरों में कटौती भारत के लिए सकारात्मक होगी.

शेट्टी ने कहा कि भारत (India) विश्व की सेवा राजधानी बनेगा और देश को उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करना होगा तथा ऐसे विशिष्ट क्षेत्रों की तलाश करनी होगी जहां भारत विश्वस्तर पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर सके.

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