एक रिपोर्ट के अनुसार इस्पात क्षेत्र की कंपनियों की अगुवाई में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारतीय कंपनियों की राजस्व वृद्धि दर लगभग दोगुनी हो जाने का अनुमान है. हालांकि, इसके लिये पिछले साल के तुलनात्मक आधार को बड़ी वजह बताया गया है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा कि सितंबर में समाप्त तिमाही में कंपनियों के कारोबार की वृद्धि दर 12.1 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है. पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह वृद्धि 6.4 प्रतिशत रही थी. इस दौरान इस्पात कंपनियों का मार्जिन में 0.80 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है. 

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रिपोर्ट में कहा गया कि इसके विपरीत लागत का दवाब भी स्पष्ट तौर पर बढ़ रहा है. क्रिसिल ने बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, आधारभूत संरचना तथा तेल क्षेत्र की 365 कंपनियों के अध्ययन के आधार पर कहा कि यदि लागत दवाब में तेजी जारी रही, पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही से परिचालन मुनाफे में हो रहा क्रमिक सुधार पलट सकता है. 

एजेंसी ने दावा किया कि ये 365 कंपनियां नेशनल स्टॉक एकसचेंज की सभी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में करीब 65 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती हैं.

क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक प्रसाद कोपारकर के अनुसार, विमानन कंपनियों, वाहन कंपनियों, एफएमसीजी और खुदरा जैसे उपभोग आधारित क्षेत्रों के दम पर मांग में सुधार की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि वाहन क्षेत्र में बिक्री में 18 प्रतिशत तेजी की तथा विमान क्षेत्र में यात्रियों की आवाजाही में 16 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है.