IMF के अनुमान से भी तेज रहेगी अगले साल भारत की ग्रोथ, मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताई वजह
CEA ने कहा कि आने वाले सालों में देश की ग्रोथ रेट थोड़ी ज्यादा रहेगी. क्योंकि एक दशक तक सुस्त रहने के बाद कैपिटल फॉर्मेशन साइकल के चलते देश की इकोनॉमी का प्रदर्शन बेहतर रहेगी.
भारत की आर्थिक ग्रोथ अगले साल तेज रहने वाली है. देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने सोमवार कहा कि अगले साल आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार तेज रहेगी, जो IMF के अनुमान से भी बेहतर रहने वाली है. इसकी वजह कैपिटल फॉर्मेशन है. बता दें कि IMF ने अगले साल के लिए भारत की ग्रोथ 6.1 फीसदी रहने का अनुमान दिया है. जबकि चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ का अनुमान 6.8 फीसदी दिया है.
बढ़ेगी की ग्रोथ रफ्तार
CEA ने कहा कि आने वाले सालों में देश की ग्रोथ रेट थोड़ी ज्यादा रहेगी. क्योंकि एक दशक तक सुस्त रहने के बाद कैपिटल फॉर्मेशन साइकल के चलते देश की इकोनॉमी का प्रदर्शन बेहतर रहेगी. उन्होंने कहा कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर ने महंगाई के एक स्तर को पार कर लिया है. यह देश की अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने के साथ ही ऊंचे ग्रोथ रेट में भी योगदान देगा. उन्होंने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में 6 फीसदी के बुनियादी आंकड़े में 0.5-0.8 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है.
फिस्कल और मॉनेटरी पॉलिसी के तालमेल से फायदा
वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि फिस्कल पॉलिसी और मॉनेटरी पॉलिसी में आमतौर पर एक-दूसरे से तालमेल होता है, जो एक-दूसरे को संतुलित करने का भी काम करती हैं. दूसरी ओर GDP में कर्ज के अनुपात की स्थिति को बरकरार रख पाना चिंता का विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत असेट मोनेटाइजेशन से हासिल रकम का इस्तेमाल अपने कर्ज को घटाने के लिए कर सकता है. इससे क्रेडिट रेटिंग के सुधरने में मदद मिलेगी.
पहली छमाही में बढ़ा राजकोषीय घाटा
बता दें कि भारत का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बढ़ा है. यह बढ़कर 6.20 लाख करोड़ रुपए हो गई है. कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (CGA) ने 31 अक्टूबर को फिस्कल डेफिसिट के आंकड़े जारी किए. यह आंकड़ा सरकार पर बाजार की उधारी को दर्शाता है.