चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रही है. दिसंबर तिमाही में आर्थिक वृद्ध दर अनुमान से भी कम रही है. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2018 को समाप्त तिमाही में जीडीपी की विकास दर घटकर 6.6 फीसद हो गई. पिछले साल की समान तिमाही में यह 7 फीसद रही थी. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रॉयटर्स के पोल में अर्थशास्त्रियों ने इसके 6.9 फीसद रहने का अनुमान लगाया था. इस तरह जीडीपी की विकास दर विशेषज्ञों के अनुमान से कम रही है. वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में जीडीपी की रफ्तार 7.1 रही थी, जबकि इसकी पिछली तिमाही में यह 8.2 फीसदी थी. इस तरह लगातार 8 प्रतिशत से अधिक की विकास दर हासिल करने में देश सफल नहीं रहा है.

विशेषज्ञों के मुताबिक आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट की मुख्य वजह डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में आई गिरावट और ग्रामीण मांग में सुस्ती रही. इसके साथ ही मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग क्षेत्र में अपेक्षा के मुताबिक प्रदर्शन न कर पाने का असर भी इन आंकड़ों में देखने को मिला.