वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ रेट 7.8% रहा. पूरे वित्त वर्ष का ग्रोथ रेट 8.2% रहा जबकि FY23 का ग्रोथ रेट 7% रहा था. भारतीय अर्थव्यवस्था ने चौथी तिमाही और पूरे फिस्कल में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है. पहली तीन तिमाही की बात करें तो भारतीय अर्थव्यवस्था जून तिमाही में 8.2%, सितंबर तिमाही में 8.1% और दिसंबर तिमाही में 8.4% की दर से बढ़ी है. चौथी तिमाही का ग्रोथ रेट 7.8% रहा है.

पिछली 3 तिमाही में GDP ग्रोथ रेट क्या रहा था?

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विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने यह अनुमान लगाया था कि जनवरी-मार्च तिमाही में देश का ग्रोथ रेट 7.6-7.8% के बीच रहेगा. नतीजे भी उसके अनुरूप आए हैं. बता दें कि जीडीपी एक निश्चित अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य होता है. वहीं GDP में शुद्ध करों (कुल कर संग्रह में से सब्सिडी हटाकर) को हटाने पर GVA निकलता है. 

मार्च 2023 तिमाही में ग्रोथ रेट 6.2% था

शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2024 में जीडीपी वृद्धि दर 7.8 फीसदी रही जो एक साल पहले की समान तिमाही में 6.2 फीसदी थी. हालांकि अक्टूबर-दिसंबर, 2023 की तुलना में मार्च तिमाही की वृद्धि रफ्तार में नरमी आई है. दिसंबर तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था 8.6 फीसदी की उच्च दर से बढ़ी थी. जीडीपी निश्चित अवधि में देश की भौगोलिक सीमा के भीतर उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को बताता है. 

चीन का ग्रोथ रेट मार्च तिमाही में 5.3% रहा

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के अनुसार पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी है. वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर सात फीसदी रही थी. एनएसओ ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.7 फीसदी रहने की संभावना जताई थी. आर्थिक मोर्चे पर भारत के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी चीन की आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च तिमाही में 5.3 फीसदी रही है.

(भाषा इनपुट के साथ)