India GDP growth rate: रुपए पर बढ़ते दबाव और महंगाई के खतरे के बीच एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.3 फीसदी रह सकती है. साथ ही रेटिंग एजेंसी ने कहा कि महंगाई 2022 के अंत तक छह फीसदी के ऊपर रह सकती है. रिजर्व बैंक ने महंगाई की अधिकतम सीमा भी छह फीसदी तय की है. हालांकि, पिछले आठ महीने से महंगाई तर इस दायरे के ऊपर बनी हुई है. एसएंडपी ने एशिया पेसिफिक के लिए अपने आर्थिक पूर्वानुमानों में कहा कि अगले साल भारत की वृद्धि को घरेलू मांग में सुधार का समर्थन मिलेगा.

ग्रोथ को लेकर खतरा बना हुआ है

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बयान में कहा गया, ''हमने भारत के वृद्धि पूर्वानुमान को वित्त वर्ष 2022-2023 के लिए 7.3 फीसदी और अगले वित्तीय वर्ष के लिए 6.5 फीसदी पर बनाए रखा है, हालांकि इसमें कमी का जोखिम बना हुआ है.'' उच्च महंगाई और बढ़ती नीतिगत ब्याज दरों के बीच अन्य एजेंसियों ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद के वृद्धि अनुमान में कटौती की है.

इन एजेंसियों ने ग्रोथ का अनुमान घटाया है

इस महीने की शुरुआत में, फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि अनुमान को घटाकर सात फीसदी कर दिया था, जो इससे पहले 7.8 फीसदी था. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने भी अपने अनुमान को सात फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया था. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अपने पूर्वानुमान को 7.5 फीसदी से घटाकर सात फीसदी कर दिया. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की दर से बढ़ेगी.

इस सप्ताह रेपो रेट पर RBI लेगा फैसला

इसी सप्ताह रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है. फेडरल रिजर्व के अग्रेसिव रुख के बाद माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक भी रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी करेगा. वर्तमान में रेपो रेट 5.40 फीसदी है. अगर इसे 50 बेसिस प्वाइंट्स से बढ़ाया जाता है तो यह बढ़कर 5.9 फीसदी पर पहुंच जाएगा.