India forex reserves: वैश्विक उठापटक और एफआईआई (FII) की बिकवाली के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में 10.75 अरब डॉलर घटकर 690.43 अरब डॉलर रहा. यह हाल के दिनों में मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी गिरावट है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इससे पिछले हफ्ते देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.71 अरब डॉलर घटकर 701.18 अरब डॉलर रहा था. सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था. 

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 11 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 10.54 अरब डॉलर घटकर 602.10 अरब डॉलर रह गईं. डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है.

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समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार (Gold Reserve) का मूल्य 9.8 करोड़ डॉलर घटकर 65.66 अरब डॉलर रह गया. विशेष आहरण अधिकार (SDRs) 8.6 करोड़ डॉलर घटकर 18.34 अरब डॉलर रह गया. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के पास भारत का आरक्षित भंडार 2 करोड़ डॉलर घटकर 4.33 अरब डॉलर रहा.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का अनुमान

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का अनुमान है. मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत करने के साथ विदेशी निवेश आकर्षित करने और घरेलू व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करता है. इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार और मौद्रिक नीति रुख व्यापार और उद्योग के बीच विश्वास पैदा कर रहे हैं और वैश्विक उठापटक के बीच इससे विदेश निवेश आकर्षित करने में मदद मिल रही है.

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देश की विदेशी मुद्रा में गोल्ड की हिस्सेदारी भी 2018 के बाद से 209% से अधिक बढ़ गई है. शुक्रवार को गोल्ड की कीमतों में मजबूत वृद्धि जारी रही, एमसीएक्स में 500 रुपये की तेज वृद्धि के साथ कीमत 77,600 रुपये हो गई. अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की कीमत 2,710 डॉलर से ऊपर पहुंच गई है. 2024 में अब तक गोल्ड 22% से अधिक का रिटर्न दे चुका है और दिवाली-से-दिवाली के आधार पर रिटर्न लगभग 30% तक पहुंच गया है.