जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के व्यापार संबंधों में भी खटास पड़ गई है. भारत ने पाकिस्तान पर आर्थिक हमला किया है. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमिटी और सिक्योरिटी की बैठक में पाकिस्तान से मोस्टर फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने का फैसला हुआ है. मोदी सरकार ने पाकिस्‍तान को दुनिया में अलग-थलग करने की कोशिशों के साथ आर्थिक मोर्चे पर घेरना शुरू किया है. मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्ज छिनने के बाद पाकिस्तान के हालात और बदतर होने के आसार हैं.

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कर्ज में डूबे पाकिस्तान को झटका

कर्जे में डूबे पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को बड़ा झटका लग सकता है. मौजूदा आंकड़ो के आधार पर भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 2.67 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है. हालांकि, वर्ल्ड बैंक ने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तान और भारत के बीच व्यापार 37 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. आपको बता दें, भारत और पाकिस्तान के बीच सड़क माध्यम से 138 आइटम्स का इंपोर्ट-एक्सपोर्ट होता है.

 

कितना है कारोबार

उद्योग चैंबर एसोचैम के मुताबिक, दोनों देशों के बीच कारोबार अब भी बेहद कम है. पाकिस्‍तान के साथ व्‍यापार मात्र 2.67 अरब डॉलर रहा. पाकिस्‍तान को भारत का निर्यात मात्र 2.17 अरब डॉलर रहा. भारत के कुल निर्यात में यह मात्र 0.83 फीसदी है. वहीं, पाकिस्‍तान से भारत का आयात 50 करोड़ डॉलर से भी कम है. यह भारत के कुल आयात का 0.13 फीसदी है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि पाकिस्‍तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छिनने से आर्थिक तौर पर पाकिस्‍तान को कोई खास नुकसान नहीं होगा. लेकिन, इससे पाकिस्‍तान को दूसरे देशों से मिलने वाली सहायता या कर्ज राशि में गिरावट जरूर आ सकती है. साथ ही भारत ने दुनिया को यह भी संदेश दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

किन कारोबार पर पड़ेगा असर

पाकिस्‍तान से आने वाला ड्यूटी फ्री सीमेंट के आयात पर असर पड़ सकता है. भारत-पाकिस्‍तान को चीनी, चाय, ऑयल केक, पेट्रोलियम ऑयल, कॉटन, टायर, रबड, समेत 14 वस्‍तुओं का प्रमुख रूप से निर्यात करता है. वहीं, भारत, पाकिस्‍तान से कुल 19 प्रमुख उत्‍पादों का आयात करता है. इन उत्‍पादों में अमरूद, आम, अनानास, फ्रेबिक कॉटन, साइक्लिक हाइड्रोकॉर्बन, पेट्रोलियम गैस, पोर्टलैंड सीमेंट, कॉपर वेस्‍ट और स्‍क्रैप, कॉटन यॉर्न जैसे उत्‍पाद शामिल हैं.

क्‍या है मोस्‍ट फेवर्ड नेशन

डब्‍लूटीओ के अनुसार, मोस्‍ट फेवर्ड नेशन स्‍टेटस का मतलब है कि कोई देश अगर व्‍यापार से जुड़ी बाधाएं कम करता है या अपने बाजार को खोलता है तो उसे यह सभी ट्रेडिंग पार्टनर के साथ करना होगा. कोई देश इस मोर्चे पर ट्रेडिंग पार्टनर के बीच भेदभाव नहीं कर सकता है. इसका मतलब है कि मोस्‍ट फेवर्ड नेशन स्‍टेटस के तहत पाकिस्‍तान के व्‍यापारियों को वे सभी रियायतें मिल रहीं थी, जो भारत दूसरे देशों को देता है. डब्ल्यूटीओ बनने के बाद भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया था.