IIP Growth: भारत सरकार ने औद्योगिक उत्पादन सूचकांक यानी IIP के मार्च महीने के आंकड़े जारी कर दिए हैं. मार्च में 4.9 फीसदी आईआईपी ग्रोथ दर्ज की गई है. फरवरी के मुकाबले मार्च में गिरावट आई है. फरवरी में इंडस्ट्रियल ग्रोथ 5.7 फीसदी थी. इसके बावजूद सालाना आधार पर इसमें बढ़ोत्तरी हुई है. यही नहीं, वित्त वर्ष 2024 में आईआईपी में बड़ा उछाल आया है. मार्च के महीने में माइनिंग ग्रोथ में जहां गिरावट आई है. वहीं, मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ बढ़ी है. इसके अलावा सालाना आधार पर इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ में बड़ा उछाल आया है और ये निगेटिव से पॉजीटिव में आ गई है. 

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भारत सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में IIP ग्रोथ सालाना आधार पर 1.9 फीसदी से बढ़कर 4.9 फीसदी हो गई है. मार्च में माइनिंग ग्रोथ सालाना आधार पर 6.8 फीसदी से घटकर 1.2 फीसदी रही है. मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 1.5 फीसदी से बढ़कर 5.2 फीसदी (YoY) रही है. इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ -1.6 फीसदी से बढ़कर 8.6 फीसदी (सालाना आधार) हो गई है. प्राइमरी गुड्स आउटपुट ग्रोथ सालाना आधार पर 3.3 फीसदी से घटकर 2.5 फीसदी हो गई है. 

भारत सरकार के आईआईपी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च के महीने में कैपिटल ग्रोथ सालाना 10 फीसदी से घटकर 6.1 फीसदी हो गई है. इंटरमीडिएट गुड्स आउटपुट 1.8 फीसदी से बढ़कर 5.1 फीसदी (YoY) है.  वित्त वर्ष 2024 में इंडस्ट्रियल ग्रोथ 5.2 फीसदी से बढ़कर 5.8 फीसदी (YoY) हो गई है. कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल गुड्स में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है और ये -1.9 फीसदी से बढ़कर 4.9 फीसदी हो गई है. मार्च में इंफ्रा गुड्स की आउटपुट ग्रोथ 7.2 फीसदी से घटकर 6.9 फीसदी (YoY) हो गई है. 

आपको बता दें कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक या IIP एक समग्र संकेतक होता है. ये अर्थव्यवस्था के आठ प्रमुख क्षेत्र यानी कोर सेक्टर्स में  विकास को दर्शाता है. आठ कोर सेक्टर्स में खनिज खनन, बिजली, विनिर्माण, स्टील, कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, सीमेंट और फर्टिलाइजर्स जैसे सेक्टर शामिल होते हैं.