2000 रुपए का नोट सर्कुलेशन से हटाने का Indian Economy पर कितना बड़ा असर होग? इकोनॉमिस्ट से समझिए
RBI ने 2000 रुपए के नोट को सर्कुलेशन से बाहर हटाने का फैसला किया है. अभी सर्कुलेशन में 11 फीसदी दो हजार रुपए के नोट हैं. आइए इकोनॉमिस्ट से जानते हैं कि इसका Indian Economy पर कितना बड़ा असर होगा.
रिजर्व बैंक ने 2000 रुपए के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का बड़ा फैसला किया. अगर किसी के पास दो हजार के नोट्स पड़े हैं तो वह इसे बैंक में जाकर एक्सचेंज करवा सकता है, जिसकी वन टाइम लिमिट 20 हजार रुपए है. अकाउंट में कितनी भी राशि जमा करवाई जा सकती है. 23 मई से 30 सितंबर तक इस काम को पूरा किया जा सकता है. 31 मार्च 2023 तक सर्कुलेशन में कुल 3.62 लाख करोड़ रुपए का दो हजार का नोट चल रहा था. यह ओवरऑल करेंसी सर्कुलेशन का 10.8 फीसदी है.
करेंसी में 11 फीसदी 2000 रुपए के नोट हैं
फिलहाल रिजर्व बैंक ने बस इतना कहा है कि सर्कुलेशन से 2000 रुपए का नोट बाहर किया जाएगा. यहां बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या Indian Economy पर इसका कोई असर होगा? जाहिर सी बात है कि अभी भी टोटल करेंसी इन सर्कुलेशन में दो हजार के नोट का योगदान करीब 11 फीसदी है. RBI ने फिलहाल यह भी नहीं कहा है कि नए नोट से इसकी भरपाई की जाएगी.
इकोनॉमी पर बहुत बड़ा असर नहीं होगा
रॉयटर्स में छपी रिपोर्ट में L&T फाइनेंस होल्डिंग के इकोनॉमिस्ट रूपा रेगे के हवाले से कहा गया कि 2000 रुपए के नोट को सर्कुलेशन से वापस लेने के फैसले का इंडियन इकोनॉमी पर बहुत बड़ा असर नहीं होगा. करेंसी इन सर्कुलेशन में अभी 89 फीसदी के नोट छोटे वैल्यु के हैं. पिछले 6-7 सालों में डिजिटल ट्रांजैक्शन में बड़ा उछाल आया है. ई-कॉमर्स बिजनेस में भी काफी ग्रोथ दिखा है.
छोटे बिजनेस पर जरूर असर होगा
क्वांटइको रिसर्च की इकोनॉमिस्ट युविका सिंघल ने कहा कि कैश आधारित और छोटे बिजनेस पर इसका असर जरूर होगा. खासकर एग्रीकल्चर और कंस्ट्रक्शन बिजनेस पर असर देखने को मिलेगा. नीयर टर्म में इन सेक्टर के लोगों को असुविधा का सामना करना होगा. हालांकि, गोल्ड जैसी बड़ी वैल्यु के ट्रांजैक्शन पर इस फैसले का असर दिख सकता है.
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