रेटिंग एजेंसी ICRA ने मंगलवार को कहा कि घरेलू नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता मार्च, 2026 तक 250 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में निविदा गतिविधियों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है. इसके साथ 80 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) से अधिक की बड़ी परियोजना निर्माण के विभिन्न चरणों में है. इससे क्षमता वृद्धि को गति मिलेगी. 

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इक्रा की रिपोर्ट के अनुसार, उसे उम्मीद है कि भारत में बड़ी पनबिजली परियोजनाओं सहित स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता मार्च, 2026 तक बढ़कर लगभग 250 गीगावाट तक हो जाएगी, जो सितंबर, 2024 में 201 गीगावाट थी. इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सह- समूह प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग) गिरीश कुमार कदम ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि छतों पर लगने वाले (रूफटॉप) सौर संयंत्र और वाणिज्यिक एवं औद्योगिक खंड क्षमता वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देंगे. हालांकि, भूमि अधिग्रहण और पारेषण लाइन में देरी की समस्या परियोजनाओं के क्रियान्वयन के स्तर पर चुनौतियां हैं. और अगर यह जारी रहती हैं, क्षेत्र की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं.’’

उन्होंने कहा कि इक्रा को उम्मीद है कि 2030 तक ऊर्जा भंडारण क्षमता की आवश्यकता 50 गीगावाट होगी. इसे बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली और पंप स्टोरेज जल विद्युत परियोजनाओं के जरिये पूरा किया जाएगा. भारत का 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है.