प्रमुख विकसित बाजारों में मांग में कमी से अप्रैल-नवंबर के बीच देश का रत्न और आभूषण निर्यात 6.77 प्रतिशत घटकर 20.74 अरब डॉलर का रह गया. जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की इसी अवधि में 22.24 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था. चांदी के आभूषण, सोने के पदकों एवं सिक्कों के निर्यात में नकारात्मक वृद्धि और अधिक संख्या में खेप वापस किये जाने से निर्यात में यह कमी दर्ज की गई है.

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चांदी के आभूषण निर्यात में भारी गिरावट

आंकड़ों के मुताबिक आलोच्य अवधि में चांदी के आभूषणों का निर्यात 82.6 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ महज 50.3 करोड़ डॉलर का रह गया. वित्त वर्ष 2018-19 के पहले आठ माह में सोने के पदकों और सिक्कों के निर्यात में 84.7 फीसदी की भारी गिरावट देखी गई. बिना तराशे हुए हीरे के निर्यात में भी 13.4 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई. हालांकि निर्यातकों के मुताबिक आलोच्य अवधि में तराशे गए हीरे का निर्यात छह प्रतिशत चढ़कर 16.5 अरब डॉलर का रहा. 

भारत में फिलहाल 1.5 टन सोना का सालाना उत्पादन

पिछले वित्त वर्ष के अप्रैल से नवंबर के मुकाबले इस साल सोने के आभूषण का निर्यात छह अरब डॉलर से बढ़कर आठ अरब डॉलर पर पहुंच गया. ऑस्ट्रेलिया के गैलेक्सी गोल्ड माइन्स के मुताबिक वर्तमान में, भारत एक से 1.5 टन सोना का सालाना उत्पादन करता है, जो केवल एक खान से ही होता है, जबकि देश में सालाना खपत 900 टन सोने की होती है. भारत अपनी सोने की उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 100-200 टन सालाना कर सकता है, जो करीब 20 खदानों से आएगी.

सांकेतिक फोटो

सोने के भंडार में 3.8 टन की बढ़ोतरी

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के दौरान भारत में सोने के भंडार में 3.8 टन की बढ़ोतरी देखी गई है. काउंसिल के मुताबिक भारत का सोने का आधिकारिक भंडार अब बढ़कर 561.9 टन हो गया है और दुनिया में सबसे ज्यादा आधिकारिक सोने का रिजर्व रखने के मामले में भारत 11वें स्थान पर है. करीब नौ साल के बाद देश के सोने के भंडार में बढ़ोतरी देखने को मिली है.