व्यापारियों के लिए जरूरी खबर, GST डिफाल्टर्स की संपत्ति होगी जब्त
GST रिटर्न न फाइल करने वालों पर सरकार और सख्ती करेगी. यहां तक की GST के डिफाल्टर्स की संपत्ति भी अटैच की जा सकती हैं.
GST रिटर्न न फाइल करने वालों पर सरकार और सख्ती करेगी. यहां तक की GST के डिफाल्टर्स की संपत्ति भी अटैच की जा सकती हैं. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज़ एंड कस्टम्स (CBIC) ने इस बारे में सभी GST के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर्स, चीफ कमिश्नर्स, प्रिंसिपल कमिश्नर्स और डायरेक्टर जनरल को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीज़र का सर्कुलर भेजा है. इस सर्कुलर में साफ है कि जो व्यापारी समय पर रिटर्न फाइल नहीं करता है, उस पर और सख्ती बरती जाएगी. उसे नोटिस भेजा जाएगा.
क्या है सर्कुलर में
GST डिफाल्टर्स की संपत्ति जब्त होगी
CBIC ने GST के अधिकारियों को सर्कुलर जारी किया
कई बार नोटिस के बाद भी रिटर्न फाइल नहीं तो एक्शन
ज़मीन, बैंक खाते सहित अन्य प्रॉपर्टी को अटैच किया जा सकता है
रिटर्न फाइलिंग डेडलाइन के 3 दिन पहले अलर्ट आएगा
महीने की 20 तारीख को GSTR-3A फाइलिंग ज़रूरी
ड्यू डेट के बाद डिफाल्टर्स को सिस्टम जनरेटेड SMS जाएगा
ड्यू डेट के 5 दिन में रिटर्न फाइल नहीं तो ई-मेल से नोटिस
ई-मेल पर भेजे नोटिस में 15 दिन में फाइलिंग का निर्देश
15 दिन बाद भी रिटर्न नहीं तो टैक्स असेसमेंट ऑर्डर
असेसमेंट ऑर्डर के 30 दिन में रिटर्न नहीं तो रिकवरी
संपत्ति के प्रोविज़नल अटैचमेंट का भी होगा अधिकार
दूसरी तरफ फाइनेंस मिनिस्ट्री ने GST शिकायतों को देखते हुए क्षेत्रीय/राज्य स्तर पर GST शिकायत निवारण समिति बनाई है. इस समिति को इसी महीने GST परिषद की बैठक में मंजूरी मिली है. 18 दिसंबर 2019 को जीएसटी काउंसिल की 38वीं बैठक में परिषद ने GST के तहत टैक्सपेयर की शिकायत निपटाने के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया था.
काउंसिल ने क्षेत्रीय/राज्य स्तर पर शिकायत निवारण समिति के गठन को मंजूरी दी है, जिसमें केंद्रीय कर और राज्य कर विभाग के अधिकारी, वाणिज्य और उद्योग क्षेत्र के प्रतिनिधि और जीएसटी के अन्य हितधारक शामिल हों.
समिति जीएसटी से जुड़ी शिकायतों और IT संबंधी समस्याओं समेत करदाताओं की सारी समस्याओं की जांच करेगी और उनका समाधान करेगी. यह GST परिषद सचिवालय और CBIC से जुड़ी पॉलिसी डिविजन को सर्कुलर में जरूरी बदलाव के किसी मसले के बारे में भी बता सकती है.
GST पॉलिसी से संबंधित कोई मसला जब जीआईसी द्वारा भेजा जाएगा तो CBIC डिविजन उसकी टेस्टिंग करेगा और अगर जरूरी हुआ तो GST परिषद के पास उपयुक्त सुझावों की सिफारिश करेगा.