राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण (एनएए) ने कहा है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिए कंपनियां कोई भी तरीका अपना सकती हैं. या तो वे दाम घटा सकती हैं या संबंधित उत्पाद की मात्रा बढ़ाकर उपभोक्ताओं को लाभ दे सकती हैं. जीएसटी लाभ के मामले के आकलन के लिए एनएए ने तीन पैमाने तय किए हैं. मात्रा यानी ग्राम में वृद्धि, लाभ देने की समयसीमा और कंपनी द्वारा दिया जाने वाला अतिरिक्त लाभ. 

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एनएए (जीएसटी) के चेयरमैन बी एन शर्मा ने शुक्रवार को मर्चेंट चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक सत्र के मौके पर अलग से यह जानकारी दी. शर्मा ने उदाहरण देते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को छोटे सैशे में बेचे जाने वाले उत्पादों पर कीमत का लाभ देना संभवत: व्यावहारिक नहीं होगा. हालांकि, उन्होंने यह नहीं कहा कि क्या इसी पैमाने को एफएमसीजी को छोड़कर ऊंची मात्रा के पैक या क्षेत्र के लिए भी अपनाया जा सकता है. शर्मा ने मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया. 

चार्टर्ड अकाउंटेंसी कंपनी एल बी झा के भागीदार दीपांकर चटर्जी ने कहा कि मात्रा बढ़ाने से कंपनियों को दोहरा लाभ होगा. इससे कंपनियों को ऊंचा कारोबार और मुनाफा हासिल करने में मदद मिलेगी. बीते समय में जीएसटी के स्लैब में कई बार बदलाव होते गए. आने वाले समय में और भी बदलाव पर सरकार विचार कर सकती है.