GST काउंसिल की 14 मार्च को बैठक, मोबाइल, जूते-चप्पल और कपड़ों की दरों में हो सकता है बदलाव
शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में होने वाली GST परिषद की बैठक में कई बड़े फैसले हो सकते हैं.
माल एवं सेवा कर (GST Council) परिषद की बैठक 14 मार्च को होने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कई बड़े फैसले हो सकते हैं. इस बैठक में मोबाइल फोन, जूता-चप्पल और कपड़ा समेत पांच सेक्टरों पर टैक्स की दरों को युक्ति संगत बनाया जा सकता है. साथ ही नए रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था और ई-इनववॉयस के क्रियान्वयन को टाले जाने की संभावना है. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद स्मार्टफोन, कपड़े और जूते-चप्पल महंगे हो सकते हैं.
बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में परिषद की बैठक में जीएसटी नेटवक पोर्टल पर परिचालन संबंधी खामियों पर चर्चा होने की उम्मीद है. बैठक में इन्फोसिस से इसके समाधान की योजना की मांग की जा सकती है. सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस को 2015 में जीएसटीएन नेटवर्क के तकनीकी प्रबंधन का ठेका दिया गया था.
इसके अलावा राजस्व संग्रह बढ़ाने के बारे में भी चर्चा होगी क्योंकि केंद्र ने राज्यों को यह साफ कर दिया है कि उसके पास राज्यों को जीएसटी के क्रियान्वयन के कारण राजस्व नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिये कोष नहीं है.
परिषद जीएसर्ट ई-वे बिल (E-Way Bill) प्रणाली के एनएचएआई (National Highways Authority of India) के फास्टैग (Fastag) व्यवस्था के अप्रैल से एकीकरण पर भी चर्चा करेगी. इससे वस्तुओं की आवाजाही तथा जीएसटी चोरी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा जीएसटी पंजीकृत करदाताओं के आधार के तहत सत्यापन की तैयारी पर भी चर्चा की जाएगी.
बैठक में जीएसटी के तहत प्रस्तावित लॉटरी योजना पर भी चर्चा होने की संभावना है. इसे एक अप्रैल से लागू करने का प्रस्ताव है.
GST परिषद जीएसटी दर के युक्तिसंगत बनाने पर चर्चा करेगी. कुछ ऐसे मामले हैं जहां आयातित तैयार माल पर आयात शुल्क कम जबकि कच्चे माल पर शुल्क (उल्टा शुल्क ढांचा) अधिक है. इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड दावा अधिक बनता है. फिलहाल सेल्यूलर मोबाइल फोन पर 12 प्रतिशत शुल्क है जबकि इसके कुछ कच्चे माल पर जीएसटी 18 प्रतिशत है.
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जूते चप्पल के मामले में परिषद ने 1,000 रुपये मूल्य के उत्पाद पर पिछले साल जून में जीएसटी दर कम कर 5 प्रतिशत कर दिया था. वहीं इससे अधिक मूल्य के जूते-चप्पल पर जीएसटी 18 प्रतिशत है. हालांकि इस क्षेत्र में उपयोग होने वाले कच्चे माल पर जीएसटी दर 5 से 18 प्रतिशत है.
वहीं परिधान क्षेत्र पर जीएसटी 5, 12 और 18 प्रतिशत है. इससे निर्यातकों द्वारा रिफंड के दावे और उसे जारी करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. रसायन उर्वरक पर जीएसटी दर फिलहाल 5 प्रतिशत है जबकि कच्चे माल पर 12 प्रतिशत है.