जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी की दरों को घटाए जाने का विपक्ष शासित राज्यों ने विरोध किया है. इन राज्यों का कहना था कि दरें घटाए जाने से राजस्व में कमी आएगी. इससे उन्हें नुकसान होगा. खबरों के अनुसार छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार ने बैठक में अपने अधिकारियों को भेजा, वहीं मध्य प्रदेश सरकार की ओर से बैठक में किसी भी प्रतिनिधि को नहीं भेजा गया. इन तीनों राज्यों में हाल ही में कांग्रेस की सरकार बनी है. वहीं केरल का कहना था कि कई राज्यों का राजस्व नहीं बढ़ रहा है. ऐसे में यह दरों में कटौती का सही समय नहीं है. काफी जद्दोजहद के बाद जीएसटी काउंसिल 23 आम उपयोग की वस्तुओं पर दरें घटाने पर सहमत हुई.

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बैंक ग्राहकों को मिली बड़ी राहत

जीएसटी काउंसिल की ओर से बैंकिंग सेवाओं खासकर बचत खातों और जनधन खातों को GST के दायरे से बाहर कर दिया है. इससे अब जनधन खाता ग्राहकों को NEFT, डेबिट कार्ड सुविधा, चेक क्‍लीयरिंग सुविधा आदि पर जीएसटी नहीं देना होगा. बैंकिंग सेवाओं पर 1 जुलाई 2017 से कर की दर 15 प्रतिशत की बजाय 18 प्रतिशत हो गई थी. क्‍योंकि जीएसटी के तहत सेवाकर की दर में बदलाव 1 जुलाई, 2017 से पूरे देश में प्रभावी था. पिछले कुछ समय से राजस्व विभाग की ओर से बैंकों पर दबाव बनाया जा रहा था कि वो इन सेवाओं पर जीएसटी चुकाएं.

ग्राहक जीएसटी लगने की बात से थे अनजान

अब तक ये साफ नहीं था कि बैंक की किन सेवाओं पर कितना जीएसटी लगता है. CBDT ने साफ किया है कि कि‍स तरह की सेवाओं पर जीएसटी लगेगा और कौन सी सेवाएं जीएसटी से मुक्‍त रहेंगी. इनमें सबसे बड़ी सेवा है एटीएम से निकासी. इसके तहत 1 माह में तय सीमा से ज्‍यादा ट्रांजैक्‍शन पर प्रति ट्रांजैक्‍शन 10 रुपए से 25 रुपए तक चार्ज देना पड़ता है. इस चार्ज के साथ आपको जीएसटी का भुगतान भी करना होगा. ये 3 महत्‍वपूर्ण फायदे हुए हैं.

फिटमेंट कमेटी के सुझाव माने गए

बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि बैठक में राजस्व और दर घटाने पर चर्चा हुई. फिटमेंट कमेटी के सुझावों को माना लिया गया है. जीएसटी वसूली अपेक्षा से कम रही है. आठ महीने में हर राज्य में वसूली की तुलना की गई. महाराष्ट्र और बंगाल में वसूली अच्छी रही. कुछ राज्यों में जीएसटी वसूली अच्छी नहीं रही. पिछले साल छह महीने में 30 हजार करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की गई. पिछले साल आठ महीने में 48 हजार करोड़ का मुआवजा दिया गया. इस साल मुआवजे में भी कमी आई है.

7.76 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी के तहत हुई वसूली

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-नवंबर, 2018) के दौरान सरकार को 7.76 लाख करोड़ रुपये जीएसटी की प्राप्ति हुई. बजट 2018-19 में सालाना 13.48 लाख करोड़ रुपये जीएसटी का अनुमान लगाया गया है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान हर महीने औसतन 89 हजार करोड़ रुपये जीएसटी प्राप्त हुआ. यह आंकड़ा चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 95-96 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है.