त्योहार से पहले सरकार देगी बड़ी सौगात, हमारी जरूरत के सामान पर घटेगा टैक्स
GST काउंसिल की बैठक 20 सितंबर को होगी. काउंसिल इस बार त्योहारों से पहले व्यापारियों और आम लोगों को टैक्स घटाकर कई रियायतें देने पर विचार कर रही है.
GST काउंसिल की बैठक 20 सितंबर को होगी. काउंसिल इस बार त्योहारों से पहले व्यापारियों और आम लोगों को टैक्स घटाकर कई रियायतें देने पर विचार कर रही है. मसलन 2 करोड़ रुपये से कम कमाई करने वाले छोटे व्यवसायों को सालाना रिटर्न दाखिल करने से छूट के साथ ही वाहनों पर GST रेट 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी हो सकता है.
GST अफसरों की मानें तो रिटर्न दाखिल करने की तारीख 3 बार बढ़ने के बावजूद अब तक संतोषजनक संख्या में रिटर्न दाखिल नहीं हुए हैं. एक अधिकारी ने कहा, "अंतिम तिथि बढ़ाने के बावजूद 25-27 फीसदी ही रिटर्न दाखिल हुआ है. जीएसटी काउंसिल इस मुद्दे पर 20 सितंबर को होने वाली बैठक में चर्चा करेगी."
उन्होंने कहा कि परिषद यह तय करेगी कि अनिवार्य रिटर्न फाइलिंग आवश्यकता को केवल वित्त वर्ष 2017-18 के लिए या बाद के कारोबारी साल के लिए भी निलंबित किया जाए.
उन्होंने कहा कि इस बार परिषद द्वारा विभिन्न संरचनात्मक मुद्दों पर विचार होगा. उन्होंने कहा, "एक विचार यह भी है कि सरकार को यह देखने के लिए 30 नवंबर तक इंतजार करना चाहिए कि रिटर्न फाइलिंग की संख्या बढ़ती है या नहीं."
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कुल 1.39 करोड़ करदाता में से करीब 85 फीसदी का सालाना कारोबार 2 करोड़ रुपये या उससे कम है. टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि छोटे टैक्सपेयर को सालाना रिटर्न दाखिल करने से राहत देने के प्रस्तावित कदम से बोझ कम होगा और कर अधिकारियों को बड़े टैक्सपेयर पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी.
धुव्र एडवाइजर्स के पार्टनर (इनडायरेक्ट टैक्स प्रैक्टिस) अमित भागवत ने कहा, "शायद पुनर्विचार की आवश्यकता है. एक विचार है कि छोटे करदाताओं पर अनुपालन का बोझ क्यों डाला जाए, क्योंकि प्रणाली भी बहुत मजबूत नहीं है."
डेलोइट इंडिया के पार्टनर एम. एस. मनी का कहना है कि जीएसटी के क्रियान्वयन के दौरान ज्यादा छोटे व्यवसायियों और कारोबारियों को जीएसटी के अनुपालन में परेशानी का सामना करना पड़ा था. अगर उन्हें राहत दी जाती है तो सूक्ष्य, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को बड़ी राहत मिलेगी.