Amnesty Scheme: सरकार ने योजना के जरिये जुटाए ₹852 करोड़, MSMEs नहीं उठा पाए फायदा, जानें वजह
Amnesty Scheme: अधिकारी ने बताया कि ये आंकड़े बढ़ सकते हैं क्योंकि अभी इनका पूरा ब्योरा जुटाने की प्रक्रिया जारी है. सरकार ने सीमा शुल्क और ब्याज के भुगतान की आखिरी तारीख 31 मार्च तय की है.
Amnesty Scheme: सरकार ने निर्यातकों के लिए माफी योजना के तहत करीब 852 करोड़ रुपये जुटाए हैं. अग्रिम और ईपीसीजी की अनुमति वाले निर्यातकों से निर्यात प्रतिबद्धता में चूक के मामले में एकबारगी निपटान योजना शुरू की गई थी. एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कि इस माफी योजना के तहत सरकार 852 करोड़ रुपये जुटा चुकी है. अधिकारी ने बताया कि ये आंकड़े बढ़ सकते हैं क्योंकि अभी इनका पूरा ब्योरा जुटाने की प्रक्रिया जारी है. सरकार ने सीमा शुल्क और ब्याज के भुगतान की आखिरी तारीख 31 मार्च तय की है.
अधिकारी ने कहा, योजना के तहत 6,705 आवेदन दाखिल किए गए थे और शुरुआती आंकड़ों के अनुसार लगभग 852 करोड़ रुपये की राशि वसूली गई है। यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है. इस बीच, कई छोटे निर्यातकों ने सरकार से निर्यात प्रतिबद्धता में चूक के मामले में एकबारगी निपटान योजना को सितंबर तक जारी रखने का अनुरोध किया है.
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MSMEs नहीं उठा पाए योजना का फायदा
लुधियाना स्थित हैंड टूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा है कि कई छोटे निर्यातक 45 दिन के भीतर एमएसएमई (MSMEs) को भुगतान करने के अपने दायित्वों को पूरा करने के कारण योजना का फायदा नहीं उठा पाए हैं. नई विदेश व्यापार नीति (FTP) में अग्रिम और ईपीसीजी (पूंजीगत वस्तुओं के लिए निर्यात प्रोत्साहन) वाले निर्यातकों के लिए चूक के मामले में एकबारगी निपटान योजना की घोषणा की गई थी.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में भारत का व्यापारिक निर्यात 1 फीसदी बढ़कर 34.99 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि इस महीने के दौरान व्यापार घाटा चार महीने के उच्चतम स्तर 19.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गया. सोने के आयात में उछाल के कारण समीक्षाधीन महीने में आयात भी 10.25 फीसदी बढ़कर 54.09 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो अप्रैल 2023 में 49.06 अरब अमेरिकी डॉलर था.
2023-24 के लिए वस्तुओं और सेवाओं में देश का कुल निर्यात 778.21 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो अब तक का उच्चतम है. पिछले वित्त वर्ष में व्यापारिक वस्तुओं का निर्यात कुल 437.1 अरब अमेरिकी डॉलर था, जबकि सेवा निर्यात 341.1 अरब अमेरिकी डॉलर था.