रुपए को संभालने के लिए गैर जरूरी आयात पर रोक लगाएगी सरकार
जेटली के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर काफी ज्यादा है और दूसरे देशों की तुलना में भारत में महंगाई काबू में है.
रुपए में लगातार गिरावट और बढ़ते चालू खाते के घाटे की चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने शुक्रवार को कुछ कदम उठाए हैं. सरकार ने फैसला किया है कि वह गैर-जरूरी आयातों पर पाबंदी लगाएगी. अर्थव्यवस्था की सेहत की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री को रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने स्थिति की जानकारी दी. हालांकि, जेटली ने यह नहीं बताया कि किन चीजों के आयात पर पाबंदी लगायी जाएगी.
वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इन उपायों से 8-10 अरब डॉलर तक का सकारात्मक असर दिखने की संभावना है. बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने चालू खाते के घाटे (कैड) पर अंकुश लगाने के लिए पांच कदमों पर निर्णय लिया है. जेटली ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर काफी ज्यादा है और दूसरे देशों की तुलना में भारत में महंगाई काबू में है.
जेटली के अनुसार शनिवार को प्रधानमंत्री के साथ बैठक में और मुद्दों पर चर्चा होगी. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले घरेलू मुद्रा अगस्त से लेकर अब तक करीब छह प्रतिशत टूटी है. पेट्रोल और डीजल के दाम भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार ने निर्यात को प्रोत्साहित करने का भी फैसला किया है.
उन्होंने कहा, जिन जिंसों के आयात पर अंकुश लगाया जाएगा, उसके बारे में निर्णय संबंधित मंत्रालयों से विचार-विमर्श के बाद किया जाएगा. वह डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के नियमों के अनुरूप होगा.
तेल कीमतों में बढ़ोतरी और डॉलर के प्रति रुपये की कमजोरी पर अरुण जेटली ने कहा, 'अमेरिका में कुछ नीतिगत फैसले लिए गए हैं, जिसके चलते डॉलर मजबूत हुआ है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ी हैं. इन सबका प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ा है.'