Food Inflation पर सरकार का बड़ा बयान, कहा- डिमांड-सप्लाई पर है नजर
Food Inflation: सरकार उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों को संतुलित रखने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार ने कीमतों और उपलब्धता की स्थिति की नियमित निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है.
Food Inflation: सरकार सभी जरूरी खाद्य पदार्थों की कीमतों के साथ-साथ मांग-आपूर्ति की स्थिति पर करीबी नजर रख रही है. केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकार उपभोक्ताओं और किसानों (Farmers) दोनों के हितों को संतुलित रखने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कीमतों और उपलब्धता की स्थिति की नियमित निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है.
चौधरी ने खाद्य महंगाई (Food Inflation) और गैर-बासमती सफेद चावल (Non- Basmati White Rice) पर हाल के निर्यात प्रतिबंध के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, सरकार खाद्य पदार्थों की कीमतों और उपलब्धता की निगरानी कर रही है. सरकार घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए उपाय करती है. वह भारतीय डाक (India Post) के सहयोग से मोटे अनाज (Millets) पर आईटीसी (ITC) के डाक टिकट की पेशकश करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
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खाद्य पदार्थों की आपूर्ति के मोर्चे पर कोई समस्या नहीं
उन्होंने कहा कि मांग-आपूर्ति की स्थिति और खुदरा कीमत के आधार पर सरकार निर्यात शुल्क लगाने या निर्यात रोकने का फैसला करती है. मंत्री ने कहा कि देश में खाद्य पदार्थों की आपूर्ति के मोर्चे पर कोई समस्या नहीं है. चौधरी ने कहा, सरकार उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हित को देखती है और संतुलन बनाने की कोशिश करती है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जून में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 4.49% थी, जो मई के 2.96% से अधिक है. खाद्य वस्तुओं का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में लगभग आधा हिस्सा होता है. आंकड़ों से पता चला कि मसालों के मामले में मूल्यवृद्धि की वार्षिक दर 19.19%, 'अनाज और उत्पादों' में 12.71%, 'दालों और उत्पादों' में 10.53% और अंडे में 7% थी. सालाना आधार पर जून में फल भी थोड़े महंगे रहे. हालांकि, ‘तेल और वसा’ (-18.12%) और सब्जियों (-0.93 प्रतिशत) की मुद्रास्फीति नीचे आई है.
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मोटे अनाज का उपभोग बढ़ाने पर जोर
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने मोटे अनाज के उत्पादन (Millets Production) और उपभोग को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मोटे अनाज की मांग विश्वस्तर पर बढ़ रही है और इससे भारत को सबसे बड़ा उत्पादक बनने में मदद मिलेगी. चौधरी ने कहा कि घरेलू और विदेशी स्तर पर मोटे अनाज की मांग बढ़ने से किसानों, खासकर छोटे कृषकों को अपनी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी.
चौधरी ने बाजरा (Bajra) के कई स्वास्थ्य लाभों पर प्रकाश डाला और बेहतर स्वास्थ्य के लिए इस ‘सुपरफूड’ की खपत को बढ़ावा देने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार मोटे अनाज के बारे में जागरूकता पैदा करने के प्रयास कर रही है. उन्होंने मोटे अनाज के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने के लिए आईटीसी (ITC) द्वारा की गई पहल की सराहना की.
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पीएम किसान योजना
मंत्री ने कृषि क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए पिछले नौ वर्षों में नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा उठाए गए अलग-अलग कदमों जैसे पीएम-किसान योजना (PM Kisan Yojana) और कृषि बजट में लगभग 5-6 गुना बढ़ोतरी पर भी उल्लेख किया.
उन्होंने कहा कि पिछले नौ साल में सरकार की पहल से किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिली है. चौधरी ने कहा कि किसानों को नवीनतम प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र में ड्रोन (Drones) के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दे रही है.
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