दिल्ली में सरकार बेच रही है 25 रुपए प्रति किलो प्याज, मोबाइल वैन से खरीदने के लिए नोट करें लोकेशन
Onion Mobile Vans in Delhi locations: प्याज के बढ़ते दाम पर लगाम लगाने के लिए सरकार सोमवार से दिल्ली के कई इलाकों में मोबाइल वैन लगा रही है. इन मोबाइल वैन में 25 रुपए प्रति किल की दर से प्याज बेचा जा रहा है.
Onion Mobile Vans in Delhi locations: प्याज के बढ़ते दामों के बीच सरकार ने सोमवार से 25 रुपए प्रति किलो के दाम से प्याज बेच रही है. सरकार ने इसके लिए राजधानी दिल्ली के कई लोकेशन में मोबाइल वैन की व्यवस्था की है. उपभोक्ताओं ये प्याज सरकार के मोबाइल वैन से खरीद सकते हैं. फिलहाल 10 लोकेशन में सरकार द्वारा ये मोबाइल वैन लगाई जा रही है.आगे और जगहों को शामिल किया जाएगा. इससे पहले सरकार ने प्याज की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए निर्यात पर 40 फीसदी की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का आदेश जारी किया था.
दिल्ली में इन लोकेशन पर लगेगी मोबाइल वैन
राजधानी दिल्ली के नेहरू प्लेस के 95 विशाल भवन में मोबाइल वैन लगाई गई है. वहीं, ओखला के B-19 इंडस्ट्रियल एरिया, NCUI में NCUI कॉम्प्लैक्स के पास, पुष्पा विहार में सेक्टर चार कॉम्प्लेक्स, आर.के पुरम में सेक्टर आठ, हुडको प्लेस में मदर डेयरी 15012 के पास, कृषि भवन में कृषि भवन, बदरपुर में एम ब्लॉक, सीजीओ में सीजीओ कॉम्प्लेक्स और श्रीनिवासपुरी में इंडियन पोस्ट के पास मोबाइल वैन में प्याज मिल रहा है. समय के साथ बाजार में मात्रा बढ़ेगी और दाम घटाए जाने की संभावना है.
व्यापारियों ने एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का किया विरोध
प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के विरोध में किसानों ने तीन सब्जी मंडियों के बाहर प्रदर्शन किया है. केंद्र के इस कदम के विरोध में सताना, मालेगांव और लासलगांव (नासिक), अहमदनगर और पुणे जिले के मंचर और खेड़ में किसानों ने मंडी के बाहर प्रदर्शन किया.स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप जगताप ने कहा, 'महाराष्ट्र में किसान प्याज के निर्यात से अच्छे लाभ की उम्मीद थी, लेकिन लगाए गए शुल्क से अब यह संभव नहीं होगा. इससे घरेलू बाजार में कीमतें गिर जाएंगी और किसानों को नुकसान होगा.’
आपको बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) पहले से ही केंद्र सरकार की ओर से रियायती दर पर टमाटर बेच रहा है. सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्याज का ‘बफर स्टॉक’ का तीन लाख टन का लक्ष्य रखा था, जिसे अब दो लाख टन और बढ़ाकर पांच लाख टन कर दिया गया है.