घरेलू सोया इंडस्ट्री और एमएसएमई के लिए खुशखबरी, सरकार ने किया आटा एक्सपोर्ट की शर्तों में संशोधन, पढ़ें ताजा जानकारी
संशोधित नियमों के हिसाब से अब फोर्टिफाइड आटे का एक्सपोर्ट करना होगा. आटे में 20% Domestically Procured सोया आटा/ दलिया / मेथी पाउडर या विटामिन का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा. जानें अन्य जानकारी.
घरेलू सोया इंडस्ट्री और एमएसएमई के लिए खुशखबरी है. भारत सरकार की तरफ से आटा एक्सपोर्ट की शर्तों में संशोधन कर दिया गया है. संशोधित नियमों के हिसाब से अब फोर्टिफाइड आटे का एक्सपोर्ट करना होगा. आटे में 20% Domestically Procured सोया आटा/ दलिया / मेथी पाउडर या विटामिन का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा. इतना ही नहीं एक्सपोर्ट के लिए अब अग्रिम प्राधिकार पत्र (Advance Authorisation) लेना अनिवार्य होगा. रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने इसको लेकर एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
शिपिंग बिल में भी आटा का पर्सेंटेज लिखना अनिवार्य
संशोधित नियमों के हिसाब से अब शिपिंग बिल में भी आटा का पर्सेंटेज लिखना अनिवार्य होगा. आटा एक्सपोर्ट की अन्य शर्तें 25 नवंबर, 2022 के अनुसार ही होंगी. इम्पोर्ट किए गेहूं का आटा ही एक्सपोर्ट किया जा सकेगा. निर्यात की जाने वाली वस्तु में कम से कम 80 प्रतिशत या अधिक साबुत गेहूं का आटा होना चाहिए और उसमें शामिल की जाने वाली अन्य सामग्रियां जैसे सोया आटा, दलिया, मेथी पाउडर, विटामिन आदि को घरेलू रूप से प्राप्त किया जाएगा.
घटिया इम्पोर्ट रोकने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम
मल्टीग्रेन आटा या फोर्टिफाइड साबुत गेंहू के लिए अग्रिम प्राधिकार पत्र के तहत गेहूं की आयात पात्रता की गणना, निर्यात वस्तु में साबुत गेंहू के आटे के प्रतिशत के अनुपात में की जाएगी. यानी एक किलो साबुत गेंहू के आटे के लिए 1.07 किलो गेंहू के आयात की इजाजत दी जाएगी. घटिया इम्पोर्ट रोकने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ एक्सपोर्ट क्वालिटी को बेहतर बनाने की दिशा में इसे सरकार का अहम कदम माना जा रहा है. इससे साबुत, आटा और मिश्रण की मात्रा स्पष्ट होगी. 28 जून' 23 से Ehtylene Glycol के लिए QCO लागू होगा. इसको लेकर रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
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