Fitch ने भारत की सॉवरेन रेटिंग स्टेबल आउटलुक के साथ 'BBB-' बनाए रखी, क्या है इसके मायने
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने मंगलवार को भारत की सॉवरेन रेटिंग के आउटुलक को स्टेबल बताते हुए कहा कि देश में मजबूत ग्रोथ की संभावनाएं बनी हुई हैं.
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने मंगलवार को भारत की सॉवरेन रेटिंग के आउटुलक को स्टेबल बताते हुए कहा कि देश में मजबूत ग्रोथ की संभावनाएं बनी हुई हैं. उसने एक बयान में कहा, ‘‘फिच रेटिंग्स ने भारत की लॉन्ग टर्म फॉरेन करेंसी जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग (IDR) को स्टेबल आउटलुक के साथ 'BBB-' पर रखा है.’’
फिच रेटिंग्स ने कहा कि सॉवरेन रेटिंग के लिए मजबूत ग्रोथ क्षमता एक अहम कारक है. उसने कहा, ‘‘भारत की रेटिंग अन्य समकक्षों की तुलना में मजबूत ग्रोथ आउटलुक और एक्सटर्नल फाइनेंशियल फ्लैक्सिबिलिटी दर्शाती है जिसने भारत को पिछले साल में बड़े बाहरी झटकों से पार पाने में मदद की है.’’
क्या है 'BBB-' रेटिंग का मतलब
रेटिंग एजेंसी ने अगस्त 2006 से भारत की रेटिंग को ‘‘बीबीबी-’’ पर रखा है जो सबसे कम निवेश ग्रेड रेटिंग है. अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां विभिन्न देशों की सरकारों की उधार चुकाने की क्षमता के आधार पर ‘सॉवरेन रेटिंग’ तय करती हैं. इसके लिए वह इकोनॉमी, मार्केट और राजनीतिक जोखिम को आधार मानती हैं. रेटिंग यह बताती है कि एक देश भविष्य में अपनी देनदारियों को चुका सकेगा या नहीं? आमतौर पर पूरी दुनिया में स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी), फिच और मूडीज इन्वेस्टर्स ही सॉवरेन रेटिंग तय करती हैं.
रेटिंग एजेंसी ने कहा, महंगाई और हाई इंटरेस्ट रेट की चुनौतियां बनी हुई है. साथ ही महामारी के चलते डिमांड में आई गिरावट और ग्लोबल डिमांड में सुस्ती का भी असर बना हुआ है. FY23 में 7 फीसदी ग्रोथ का अनुमान है. FY25 तक ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी तक जा सकती है.
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