इस साल आश्चर्यजनक रूप से लचीली साबित हुई विश्व अर्थव्यवस्था युद्ध से पैदा होने वाले तनाव, महंगाई में वृद्धि और ऊंची ब्याज दरों के कारण अगले साल धीमी पड़ जाएगी. आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) ने बुधवार को यह अनुमान जताया. पेरिस स्थित ओईसीडी ने एक रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2024 में अंतरराष्ट्रीय वृद्धि दर धीमी होकर 2.7 फीसदी रह जाएगी. यह 2020 में आई महामारी के बाद से सबसे धीमी वार्षिक वृद्धि दर होगी. 

ग्लोबल ग्रोथ रेट 2.9% रहने की उम्मीद

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वर्ष 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के 2.9 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. ओईसीडी का अनुमान है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं- अमेरिका और चीन की वृद्धि दर अगले साल धीमी हो जाएगी. अमेरिकी अर्थव्यवस्था के 2023 के 2.4 फीसदी के मुकाबले 2024 में केवल 1.5 फीसदी की ही दर से बढ़ने का अनुमान है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की उच्च दरों ने उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए कर्ज लेना अधिक महंगा कर दिया है. हालांकि इससे महंगाई पर कुछ लगाम लगी है. 

महंगाई घटकर 2.8% पर आ जाएगी

OECD का अनुमान है कि अमेरिकी महंगाई इस साल के 3.9 फीसदी से घटकर अगले साल 2.8 फीसदी पर आ जाएगी. दूसरी ओर रियल एस्टेट संकट, बढ़ती बेरोजगारी और निर्यात में सुस्ती से जूझ रहे चीन की अर्थव्यवस्था के 2024 में 4.7 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. इस साल के लिए यह अनुमान 5.2 फीसदी है.