Gems and jewellery exports: देश में रत्न और आभूषण निर्यात अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान 71 फीसदी बढ़कर 2.9 अरब डॉलर हो गया. कॉमर्स मिनिस्ट्री ने मंगलवार को बताया कि पिछले साल की समान अवधि में यह 16.9 अरब डॉलर था.

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दिसंबर 2021 में यह एक्सपोर्ट 16.38 फीसदी बढ़कर 2.99 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. मिनिस्ट्री ने बताया कि इस अवधि के दौरान भारत के संपूर्ण एक्सपोर्ट बास्केट में ज्वेलरी एक्सपोर्ट का हिस्सा 9.6 फीसदी था. 

ये हैं टॉप डेस्टिनेशन

मिनिस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेक्टर में टॉप 5 एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन में अमेरिका, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, बेल्जियम और इज़राइल शामिल हैं.

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इस इंडस्ट्री से भारत के कुल जीडीपी का लगभग 7 फीसदी योगदान आता है और 50 लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिलता है.

सरकार ने बनाए चार एक्शन प्लान

कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कहा कि भारत के जेम्स और ज्वेलरी को दुनिया में अग्रणी उद्योग बनाने के लिए केंद्र ने चार प्वाइंट्स रखा है. 

  • प्रोडक्ट्स के कीमत को बढ़ाने और मैन्यूफैक्चरिंग को अधिक लाभदायक बनाने के लिए डिजाइन (पेटेंट डिजाइन का निर्माण) पर ध्यान दें.
  • एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स का डाइवेरसिफिकेशन: मोती, चांदी, प्लेटिनम, सिंथेटिक पत्थर, कृत्रिम हीरे, फैशन के आभूषण, गैर-सोने के जौहरी आदि जैसे उत्पादों पर जोर.
  • फ्यूजन ज्वैलरी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए लागत प्रभावी तरीकों के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग.
  • लैब-ग्रो डायमंड को बढ़ावा देना: ये डायमंड पर्यावरण के अनुकूल और किफायती हैं और भारत के निर्यात में योगदान देंगे और साथ ही रोजगार पैदा करेंगे.

 

यहां इस बात पर ध्यान दिया जा सकता है कि सरकार ने एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए रत्न और आभूषण क्षेत्र को फोकस क्षेत्र के रूप में घोषित किया है. सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिए इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई उपाए किए हैं, जिसमें संशोधित स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, सोने के आयात शुल्क में कमी और अनिवार्य हॉलमार्किंग शामिल है.