रूस से सस्ते तेल आयात का असर, फरवरी में 24 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची ईंधन की मांग
Fuel Demand record High: फरवरी 2023 में भारत में ईंधन की मांग 24 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. फरवरी में ईंधन की खपत में पांच फीसदी का उछाल आया है. जानिए क्या कहती है ये रिकॉर्ड.
Fuel demand record high: भारत में ईंधन की मांग में जबरदस्त उछाल आया है. फरवरी 2023 में ये 24 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. आंकड़ों की मानें तो फरवरी में ईंधन की खपत में पांच फीसदी का उछाल आया है और ये 4.82 मिलियन (18.5 मिलियन टन) बैरल प्री-डे हो गई है. ये साल दर साल 15वीं बढ़ोतरी है. ईंधन की मांग में उछाल का कारण सस्ता रूसी तेल है. हालांकि, कुकिंग गैस यानी एलपीजी की मांग में 0.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
8.9 फीसदी बढ़ी पेट्रोल की मांग
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी में पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर 8.9 फीसदी बढ़ गई है. अब ये 2.8 मिलियन टन हो गई है. डीजल की खपत की बात करें तो इसमें 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. ये अब 6.98 मिलियन टन हो गई है. जेंट ईंधन की मांग में 43 फीसदी का उछाल आया है. ये 0.62 मिलियन टन हो गई है. पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण सेल के संकलित आकंड़ों के मुताबिक साल 1998 के बाद सबसे ज्यादा मांग दर्ज की गई है.
अप्रैल, मई में आएगी गिरावट
Kpler के लीड क्रूड एनालिस्ट विक्टर कैटोना ने कहा, ' देश में घरेलू खपत अभी भी ज्यादा है. फरवरी में रूस से रिकॉर्ड कच्चा तेल आयात किया गया. ऐसे में मांग बढ़ने की और भी ज्यादा संभावना है. वहीं, मार्च में ये मांग प्रतिदिन 5.18 मिलियन बैरल हो सकती है. वहीं, मानसून की धीमी गति के कारण अप्रैल और मई में ये मांग घटकर प्रति दिन पांच मिलियन बैरल हो सकती है.' वुड मैकेंजी के रिफाइनिंग, केमेकिल और ऑयल मार्केट के वाइस प्रेसिंडेंट एलन गेल्डर ने कहा, '2023 में जेट फ्यूल की सबसे ज्यादा मांग होगी. इसके बाद गौसोलीन और उसके बाद डीजल, गैस ऑयल की होगी.'
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फरवरी में गौसोलीन और डीजल की कुल मात्रा में जनवरी के मुकाबले फरवरी में गिरावट दर्ज हुई है. हालांकि, इसकी रोजाना की खपत बढ़ी है. वहीं, रसोई गैस यानी एलपीजी की बिक्री 0.1 फीसदी गिरकर 2.39 मिलियन टन रह गई है.