आपकी चाय को सेफ बनाने की कवायद की जा रही है. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) देश के अलग-अलग हिस्सों से जुटाए गए चाय के नमूनों (Samples) का विश्लेषण कर रहा है, ताकि यह तय किया जा सके कि सुरक्षा मानकों (Safety Standards) का पालन किया जा रहा है या नहीं. 

मौजूद कीटनाशक अवशेषों का हो रहा एनालिसिस

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एफएसएसएआई के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) जी कमला वर्धन राव ने कहा कि खाद्य सुरक्षा नियामक ने देशभर में चाय उद्योग में सर्वे कराया था और सैम्पल जमा किए थे. अब उनमें मौजूद कीटनाशक अवशेषों के स्तर के संबंध में एनालिसिस किया जा रहा है. उन्होंने कहा, चाय उद्योग के संबंध में हमने सर्वे कराया और अब वहां से लिए गए नमूनों का विश्लेषण कर रहे हैं. हम अपने निष्कर्ष उद्योग को बताएंगे.

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राव ने कहा कि FSSAI उत्पादकों, निर्माताओं, व्यापारियों और चाय उत्पादन से लेकर बिक्री तक सप्लाई चेन में शामिल सभी लोगों को ट्रेंड करेगा. उन्होंने कहा कि एफएसएसएआई (FSSAI) ने इस प्रयास में ‘चाय बोर्ड’ (Tea Board) से भी सहयोग और समर्थन मांगा है. 

राव ने चाय बोर्ड (Tea Board) के अधिकारियों से भी मुलाकात की. उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा नियामक ने चाय नीलामी (Tea Auction) केंद्रों पर टेस्टिंग प्रोग्राम बढ़ा दिए हैं. उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा नियामक अस्थायी टेस्टिंग लैब्स की संख्या भी बढ़ा रहा है. फिलहाल इनकी संख्या 220 है.

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चाय को सेफ बनाने की कवायद

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