Foreign Exchange Reserves of India: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने कहा है कि भारत को एक्सचेंज रेट में आने वाले उतार-चढ़ाव से खुद को बचाने के लिए विदेशी मुद्रा के बफर स्टॉक को रखने की जरूरत है. राजन ने कहा कि यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि स्वैप लाइनों में हमारे पास कोई दोस्त नहीं है. जापान इकलौता देश है, जिसने 2013 में टेपर टैंट्रम के दौरान हमारी मदद की थी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इकोनॉमिक थिंक टैंक NCAER में राजन ने बताया कि 2013 टेपर टैंट्रम के दौरान भारत ने स्वैप लाइनों की मांग की थी, केवल जापान ने ही तब हमारी मदद की थी. हमें खुद को आगे इस तरह की परेशानी से बचाने के लिए विदेशी मुद्रा के बफर स्टॉक की जरूरत है. यहां तक यूरोपियन यूनियन (EU) को भी फेडरल रिजर्व के पास स्वैप लाइन के लिए जाना पड़ा था.

क्या है टेपर टैंट्रम

यूएस फेडरल रिजर्व ने 2013 में अपने क्वांटिटिव ईजिंग प्रोग्राम (Quantitative Easing Programme) पर रोक लगा दिया था, जिसके बाद उभरते बाजारों को इंफ्लेशन और अन्य तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. इसे ही टेपर टैंट्रम कहते हैं. फेडरल रिजर्व ने यह कार्यक्रम 2008 में आई ग्लोबल बंदी के बाद शुरू किया था.

भारत को IMF के पास जाते नहीं देख सकता

राजन ने कहा कि टेपर टैंट्रम के दौरान जो हुआ, वह बहुत खराबअनुभव था. इसलिए जब तक हमारे पास कोई बाहरी सहायता न हों, हमें खुद को तैयार करना होगा और इसलिए हमनें विदेशी मुद्रा का रिजर्व बनाना शुरू किया था. राजन ने आगे कहा कि वह भारत को IMF के पास मदद के लिए जाते हुए नहीं देख सकते  हैं.

देश में फॉरेन रिजर्व रिकार्ड लेवल पर

RBI के डेटा के मुताबिक, 2 जुलाई तक देश का फॉरेन रिजर्व 1.013 अरब डॉलर बढ़कर 610.012 अरब डॉलर के रिकार्ड स्तर तक पहुंच गया था.  

इसके साथ ही पूर्व गवर्नर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमें हमेशा इसकी जरूरत होगी. जब हम महंगाई को काबू करने में अपनी इमेज अच्छी बना लेंगे, तो शायद हमें इसकी जरूरत नहीं पड़े.