Foreign debt of Indian companies: भारतीय कंपनियों (Indian companies) का विदेशी कर्ज (Foreign debt) पिछले साल दिसंबर माह में सालाना आधार पर 45 प्रतिशत घटकर 2.09 अरब डॉलर पर आ गया. यह दिसंबर 2018 में 3.81 अरब डॉलर रहा था. इसमें मसाला बॉन्ड (masala bond) के जरिये जुटाया गया 3.7 करोड़ डॉलर का कर्ज भी शामिल है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2019 में घरेलू कंपनियों ने 1.2 अरब डॉलर का कर्ज बाहरी वाणिज्यिक ऋण (ECB) के स्वत: मंजूरी मार्ग से जुटाए. मंजूरी मार्ग से 84 करोड़ डॉलर का बाह्य वाणिज्यिक कर्ज जुटाया गया.

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बाकी 559.8 लाख डॉलर का कर्ज रुपये के मूल्य वाले बॉन्ड (RDB) जारी कर जुटाए गए. आलोच्य माह के दौरान ईसीबी के स्वत: मंजूर मार्ग से एचपीसीएल-मित्तल पाइपलाइन (HPCL-Mittal pipeline) ने 26.25 करोड़ डॉलर, एचडीएफसी क्रेडिया फाइनेंशियल सर्विसेज ने 10 करोड़ डॉलर, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस (LIC Housing Finance) ने 20 करोड़ डॉलर और टोयोटा फाइनेंशियल सर्विसेज ने 10 करोड़ डॉलर जुटाए.

मंजूरी मार्ग से आरईसी लिमिटेड (REC LTD.) ने 50 करोड़ डॉलर और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) 25 करोड़ डॉलर जुटाए. इस दौरान, मसाला बॉन्ड या रुपये आधारित बॉन्ड से अकेले चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी ने 559.8 लाख डॉलर जुटाए.

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पिछले साल फरवरी महीने में भारतीय कंपनियों का विदेशी कर्ज नौ प्रतिशत घटकर 2.81 अरब डॉलर पर आ गया था. भारतीय रिजर्व बैंक ने यह जानकारी दी थी. घरेलू कंपनियों ने फरवरी, 2018 में विदेशी वाणिज्यिक कर्ज (ईसीबी) के जरिये 3.1 अरब डॉलर जुटाए थे. फरवरी में किसी भी कंपनी ने विदेशी बाजार से रुपये वाले बॉन्ड से धन नहीं जुटाया था.