Budget 2023: आज से आपके और हमारे बजट की तैयारी शुरू, जानें किसके साथ होगी वित्त मंत्री की पहली मीटिंग
Pre-Budget Meetings: वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट संसद में एक फरवरी, 2023 को पेश किया जाएगा. बता दें कि भारत का केंद्रीय बजट कई विभागों के आपसी विचार-विमर्श के बाद तैयार किया जाता है. इसमें वित्त मंत्रालय, नीति आयोग समेत सरकार के कई अन्य मंत्रालय भी शामिल होते हैं.
Budget Preparation: आपके-हमारे बजट की तैयारियों की शुरुआत आज यानी 21 नवंबर से होने जा रही है. बैठक के इस दौर में कई अहम ग्रुप के साथ वित्त मंत्री (Finance Minister) की मुलाकात होगी. इसमें वित्त मंत्री अलग-अलग समूहों के साथ बजट से जुड़ी चर्चा करेंगी. इससे पहले अलग-अलग मंत्रालयों से बैठकों का पहला दौर खत्म हो चुका है.
4 दिन में 8 मीटिंग में FM होंगी शामिल
जारी शेड्यूल के मुताबिक प्री-बजट मीटिंग में पहली मुलाकात 21 नवंबर को होगी. इसमें सुबह 10:30 बजे से 11:45 बजे तक इंफ्रा सेक्टर के स्टेक होल्डर्स और क्लाइमेट चेंज के पहले ग्रुप के साथ मीटिंग होनी है. फिर दोपहर 12 बजे से 1:15 बजे तक इंफ्रा सेक्टर के स्टेक होल्डर्स और क्लाइमेंट चेंज के दूसरे ग्रुप के साथ बैठक होगी. 22 नवंबर को सुबह 11 बजे से सवा 12 बजे तक एग्रीकल्चर और एग्रो प्रोसेसिंग से जुड़े स्टेकहोल्डर के साथ बैठक होगी. इसी दिन दोपहर 3 बजे से शाम 4:15 बजे तक फाइनेंशियल सेक्टर और कैपिटल मार्केट से जुड़े लोगों से मुलाकात होगी.
इन ग्रुप के साथ भी होगी प्री-बजट मीटिंग
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्री-बजट मीटिंग में 24 नवंबर सुबह 11 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक सर्विसेज एंड ट्रेड ग्रुप के साथ मीटिंग करेंगी. इसी दिन दोपहर 3 बजे से शाम 4:15 बजे तक सोशल सेक्टर जिसमें हेल्थ, एजुकेशन, RD, वाटर एंड सेनिटेशन ग्रुप शामिल हैं के साथ बैठक करेंगी. प्री-बजट मीटिंग में 28 नवंबर को सुबह 11 बजे से 12:15 बजे तक ट्रेड यूनियन और लेबर ऑर्गनाइजेशन के साथ मीटिंग होगी. इसके बाद दोपहर 3 बजे से शाम 4:15 बजे के दौरान वित्त मंत्री इकोनॉमिस्ट ग्रुप के साथ बैठक करेंगी.
एक फरवरी को पेश होगा केंद्रीय बजट
वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट (India Budget) संसद में एक फरवरी, 2023 को पेश किया जाएगा. बता दें कि भारत का केंद्रीय बजट कई विभागों के आपसी विचार-विमर्श के बाद तैयार किया जाता है. इसमें वित्त मंत्रालय, नीति आयोग समेत सरकार के कई अन्य मंत्रालय भी शामिल होते हैं. वित्त मंत्रालय खर्च के आधार पर गाइडलाइन जारी करता है और इस पर मंत्रालयों द्वारा अपनी ओर से फंड की मांग बताई जाती है.
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