अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है. बीते हफ्ते एक डॉलर की वैल्यू 82 रुपए 69 पैसे तक पहुंच गई. इस पर देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रुपया नीचे नहीं गिर रहा बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है. उन्होंने कहा कि जियो-पॉलिटिकल टेंशन से डॉलर में तेजी देखने को मिल रही है. वित्त मंत्री का यह बयान अमेरिकी दौरे पर मीडिया से बातचीत के दौरान आया है.

अन्य के मुकाबले भारतीय रुपया काफी मजबूत

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वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रुपया अन्य इमर्जिंग मार्केट करेंसी के मुकाबले बेहद अच्छी स्थिति में है. क्योंकि डॉलर के मुकाबले अन्य करेंसीज में भारी गिरावट देखने को मिली है. जबकि भारतीय रुपए में कम गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि मजबूत होते डॉलर के सामने शायद भारतीय रुपया टिक रहा है. बता दें कि डॉलर के मुकाबले रुपए में 2022 में अबतक 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. 2014 अबतक की गिरावट का आंकड़ा 40 फीसदी से ज्यादा है. रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक रुपए की कीमत 83 के भी पार जा सकती है.

 

भारत की इकोनॉमी बेहतर, फॉरेक्स रिजर्व भी काफी

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और फॉरेक्स रिजर्व अच्छी स्थिति में है. हमारी स्थिति आरामदायक है और इसीलिए मैं बार-बार कह रही हूं कि महंगाई भी काबू रखने वाले दायरे में है. हम इसे आने वाले दिनों में नीचे लाने की कोशिश कर रहे हैं. 

G-20 की अध्यक्षता करेगा भारत

IMF और वर्ल्ड बैंक की सालाना बैठकों में शामिल होने गईं वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अगले साल होने वाली जी-20 (G-20) के दौरान क्रिप्टोकरेंसी के लिए SOP डेवलप करने का टारगेट लेकर चल रहा है. उन्होंने साफ किया कि बैठक में क्रिप्टो भी भारत के लिए एजेंडा होगा.  भारत जी-20 की अध्यक्षता 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक करेगा. इस दौरान 200 से अधिक देशों की मेजबानी करेगा. 

क्रिप्टों पर सभी देशों को साथ आना चाहिए

उन्होंने कहा कि जी-20 के कई सदस्य देशों ने मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग कारोबार आदि को लेकर चिंता जताई है. सब यह मानते हैं कि किसी तरह के रेगुलेशन की जरूरत है और सब देशों को इस पर एक साथ आना होगा, क्योंकि कोई एक देश अकेला इसे नहीं संभाल सकता. तब जाकर हम कुछ कर पाएंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी ओर से चिंता व्यक्त कर चुका है.